आई रे होली आई, आई रे होली- अनुराधा चौहान

आई रे होली आई,आई रे होली
होली के रंग में रंगे हैं
भंग से चूर हूए हैं
नाचे सब मिलजुल सारे
मस्ती में झूम उठे हैं
रंगों में होकर सराबोर सब
नाचें मिलजुलकर सारे
खुशियों की धूम मची है
आई रे होली आई,आई रे होली
अबीर-गुलाल है उड़ता
गौरी के गालों को रंगता
मारे भर-भर पिचकारी
भींगे चुनरिया सारी
रंगों में होकर सराबोर सब
नाचें मिलजुलकर सारे
खुशियों की धूम मची है
आई रे होली आई, आई रे होली
रंग में सब रंगे हुए हैं
मस्ती में झूम रहे हैं
ठंडाई का दौर है चलता
गुझियों की मिठास घुली है
रंगों में होकर सराबोर सब
नाचें मिलजुलकर सारे
खुशियों की धूम मची है
आई रे होली आई,आई रे होली
आओ खुशियों के रंग लगा लें
मन से बैर-भाव भुला दें
ताल से ताल मिलाकर
रंगों में होकर सराबोर सब
नाचें मिलजुलकर सारे
खुशियों की धूम मची है
आई रे होली आई,आई रे होली

-अनुराधा चौहान