सुनो पढ़ पाओगे- रुचि शाही

सुनो पढ़ पाओगे?
तो पढ़ना
उन स्मृतियों को
जो मैं लिख के जाउंगी
तुम्हारी जिंदगी के पन्ने पे।
हाँ एक छोटा सा
किस्सा बनकर रह जाउंगी मैं
जिसे तुम मोड़ कर शायद
बाकी पन्नो के बीच दबा छोड़ दो।
पर सुनो!
पढ़ने से पहले
अपने मन और रूह को
और पाक करना होगा तुम्हे
हाँ जलना होगा
कुंदन की तरह
तपना होगा तुम्हे ।
फिर उस जलती हुई पवित्र
आत्मा की लौ में पढ़ना तुम,
तुम्हे महसूस होगा
किस आस्था से
खुद को गुनहगार मानते हुए
ईश्वर से क्षमा माँग कर
बहुत टूट कर
मैंने लिखा होगा
प्यार तुम्हें

-रुचि शाही