केंद्र सरकार ने सेंट्रल रेलसाइड वेयरहाउस कंपनी लिमिटेड के सीडब्ल्यूसी में विलय को दी मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री के न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन के दृष्टिकोण की दिशा में आगे बढ़ते हुए कारोबार सुगमता को बढ़ावा देने और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में निजी क्षेत्र की दक्षता का उपयोग करने की दिशा में एक और कदम उठाया है।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत 2007 में एक मिनी रत्न श्रेणी-II में शामिल किए गए केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम सेंट्रल रेलसाइड वेयरहाउस कंपनी लिमिटेड की सभी संपत्तियों, देनदारियों, अधिकारों और दायित्वों को अपने होल्डिंग उद्यम सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन के साथ स्थानांतरित करने और विलय को मंजूरी दे दी है।

इस विलय से एक ही प्रशासन के माध्यम से न सिर्फ दोनों कंपनियों के वेयरहाउसिंग, हैंडलिंग और परिवहन जैसे समान कार्य एकीकृत होंगे बल्कि इनकी दक्षता, इष्टतम क्षमता उपयोग, पारदर्शिता, जवाबदेही को बढ़ावा देने के साथ-साथ वित्तीय बचत को भी सुनिश्चित करने के साथ-साथ नई वेयरहाउसिंग क्षमताओं के लिए रेलवे साइडिंग का लाभ उठाया जा सकेगा।

यह अनुमान है कि रेलसाइड वेयरहाउस कॉम्प्लेक्स के प्रबंधन व्यय में कॉर्पोरेट कार्यालय के किराए, कर्मचारियों के वेतन और अन्य प्रशासनिक लागतों में बचत के कारण 5 करोड़ रुपये की कमी आएगी। आरडब्ल्यूसी के क्षमता उपयोग में भी सुधार होगा क्योंकि सीडब्ल्यूसी के लिए सीमेंट, उर्वरक, चीनी, नमक और सोडा जैसी वर्तमान वस्तुओं के अलावा अन्य वस्तुओं के भंडारण की क्षमता में भी वृद्धि होगी।

इस विलय से माल-गोदाम स्थलों के पास कम से कम 50 और रेलसाइड गोदाम स्थापित करने की सुविधा मिलेगी। इससे कुशल कामगारों के लिए 36,500 और अकुशल कामगारों के लिए 9,12,500 श्रम दिवसों के बराबर रोजगार के अवसर पैदा होने की संभावना है। इस विलय की पूरी प्रक्रिया निर्णय की तिथि से 8 महीने के भीतर पूरा होने की उम्मीद है।

चूंकि सीडब्ल्यूसी, सीआरडब्ल्यूसी का एकमात्र शेयरधारक है, इसलिए सभी परिसंपत्तियों और देनदारियों, अधिकारों और दायित्वों को सीडब्ल्यूसी को हस्तांतरित करने से दोनों में से किसी को भी कोई वित्तीय नुकसान नहीं होगा, अपितु इस निर्णय से दोनों के बीच एक बेहतर तालमेल स्थापित होगा। आरडब्ल्यूसी के संचालन और विपणन को संभालने के लिए सीडब्ल्यूसी द्वारा आरडब्ल्यूसी प्रभाग नाम से एक अलग प्रभाग का गठन किया जाएगा।