देश हित से जुड़े कार्यों का विरोध करवा कर अपना स्वार्थ सिद्ध करना चाहते हैं कुछ लोग: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नमामि गंगे अभियान के तहत उत्तराखंड में 6 बड़े प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण किया। इसमें हरिद्वार, ऋषिकेश, बद्रीनाथ और मुनी की रेती में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और म्यूजियम जैसे प्रोजेक्ट्स भी शामिल हैं।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज देश उस दौर से बाहर निकल चुका है जब पानी की तरह पैसा तो बह जाता था, लेकिन नतीजे नहीं मिलते थे। आज पैसा न पानी की तरह बहता है, न पानी में बहता है, पर पैसा पाई-पाई पानी पर लगाया जाता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब से कुछ दिन पूर्व देश ने अपने किसानों को, अनेक बंधनों से मुक्त किया है।अब देश का किसान कहीं पर भी, किसी को भी अपनी उपज बेच सकता है। लेकिन आज जब केंद्र सरकार, किसानों को उनके अधिकार दे रही है, तो भी ये लोग विरोध पर उतर आए हैं।

उन्होंने कहा कि ये लोग चाहते हैं कि देश का किसान खुले बाजार में अपनी उपज नहीं बेच पाए। ये लोग चाहते हैं कि किसान की गाड़ियां जब्त होती रहें, उनसे वसूली होती रहे, उनसे कम कीमत पर अनाज खरीदकर, बिचौलिए मुनाफा कमाते रहें।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये किसान की आजादी का विरोध कर रहे हैं। जिन सामानों की, उपकरणों की किसान पूजा करता है, उन्हें आग लगाकर ये लोग अब किसानों को अपमानित कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि बरसों तक ये लोग कहते रहे एमएसपी लागू करेंगे, एमएसपी लागू करेंगे, लेकिन किया नहीं। एमएसपी लागू करने का काम स्‍वामीनाथन कमीशन की इच्‍छा के अनुसार हमारी ही सरकार ने किया। आज ये लोग एमएसपी पर ही किसानों में भ्रम फैला रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश में एमएसपी भी रहेगी और किसानों को कहीं पर भी अपनी उपज बेचने की आजादी भी। लेकिन ये आजादी कुछ लोग बर्दाश्त नहीं कर पा रहे। इनकी काली कमाई का एक और जरिया समाप्त हो गया है, इसलिए इन्हें परेशानी है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि ये लोग डिजिटल भारत अभियान का विरोध कर रहे थे। जब वन नेशन-वन टैक्स जीएसटी की बात आई, तो फिर ये लोग फिर विरोध करने लगे।ये लोग न किसान के साथ हैं, न नौजवान के साथ और न ही जवान के साथ।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार वन रैंक वन पेंशन लाई, उत्तराखंड के हजारों पूर्व सैनिकों को भी उनका अधिकार दिया, तो ये लोग विरोध कर रहे थे। बरसों तक इन लोगों ने देश की सेनाओं को, देश की वायुसेना को सशक्त करने के लिए कुछ नहीं किया।  जब हमारी सरकार ने सीधे फ्रांस सरकार से रफाएल लड़ाकू विमान का समझौता कर लिया, तो इनको फिर दिक्कत होने लगी। भारतीय वायुसेना के पास रफाएल आए, भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़े, ये इसका भी विरोध करते रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चार साल पहले का यही तो वो समय था, जब देश के जांबांजों ने सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए आतंक के अड्डों को तबाह कर दिया था। लेकिन ये लोग अपने जांबाजों के साहस की प्रशंसा करने के बजाय, उनसे ही सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांग रहे थे। सर्जिकल स्ट्राइक का भी विरोध करके, ये लोग देश के सामने अपनी मंशा, अपनी नीयत साफ कर चुके हैं। देश के लिए हो रहे हर काम का विरोध करना, इन लोगों की आदत हो गई है। उनकी राजनीति का एकमात्र तरीका ही यही है, विरोध।

उन्होंने कहा कि भारत की पहल पर जब पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रही थी, तो ये भारत में ही बैठे ये लोग उसका विरोध कर रहे थे। जब देश की सैकड़ों रियासतों को जोड़ने का ऐतिहासिक काम करने वाले सरदार पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण हो रहा था, तब भी ये लोग इसका विरोध कर रहे थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण का फैसला हुआ, तब भी ये इसके विरोध में खड़े थे। जब 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाने की बात आई तब भी ये इसका विरोध कर रहे थे। पिछले महीने ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमिपूजन किया गया है। ये लोग पहले सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर का विरोध कर रहे थे, फिर भूमिपूजन का विरोध करने लगे।

उन्होंने कहा कि हर बदलती हुई तारीख के साथ विरोध के लिए विरोध करने वाले ये लोग देश के लिए समाज के लिए अप्रासंगिक होते जा रहे हैं। इसी की छटपटाहट है, बेचैनी है, हताशा है, निराशा है। एक ऐसा दल, जिसके एक परिवार की चार-चार पीढ़ियों ने देश पर राज किया। वो आज दूसरों के कंधों पर सवार होकर, देशहित से जुड़े हर काम का विरोध करवाकर, अपने स्वार्थ को सिद्ध करना चाहता है।