अगर सरकार ने विद्युत कंपनियों के निजीकरण का निर्णय वापस नहीं लिया तो प्रदेश में छा जाएगा अंधेरा

मध्य प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों के निजीकरण के विरोध में सभी विद्युत कर्मचारी संगठनों की एक बैठक का आयोजन भोपाल में किया गया।

जिसमें सभी संगठनों के पदाधिकारियों ने एकमतेन निर्णय लिया है कि अगर सरकार ने विद्युत कंपनियों के संभावित निजीकरण के निर्णय को नहीं बदला तो विद्युत कर्मचारी कार्य का बहिष्कार करेंगे, जिससे पूरे प्रदेश में अंधेरा छा जाएगा।

कर्मचारी संगठनों की सरकार से मांग है कि विद्युत कंपनियों के निजीकरण की कार्यवाही तत्काल रोकी जाए। बैठक में सम्मिलित हुए सभी कर्मचारी संगठनों ने इस बात पर सहमति जाहिर की कि निजीकरण के विरोध में सभी विद्युत कर्मचारी संगठन एक हैं और यह लड़ाई मिलकर लड़ी जाएगी।

इसके साथ ही अगर सरकार विद्युत कर्मचारियों की मांगे नहीं मानती है तो जल्द ही बैठक कर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी और राजधानी से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक निजीकरण का विरोध किया जाएगा।

इसके साथ ही प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे जाएंगे और इसके बाद भी अगर सरकार अपने रुख से पीछे नहीं हटती है तो कार्य का बहिष्कार किया जाएगा।

बैठक में यूनाइटेड फोरम के संयोजक वीकेएस परिहार, संजय भागवतकर, अशोक जैन, शंभूनाथ सिंह, हरेन्द्र श्रीवास्तव, सुनील कुरेले, अमित सक्सेना, दिनेश दुबे, मोहन श्रीवास, प्रदीप साहू, सतीश श्रीवास्तव, अर्जुन यादव, विकास शुक्ला, विवेक आसाटी, दीपक अर्कने, मोहनीश वाडिया, जेपी कोष्टा, मोहन दुबे राजकुमार सैनी सहित सभी संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित रहे