बोनस की घोषणा न करना रेलकर्मियो के अधिकारों का हनन: WCREU

भारत सरकार द्वारा वोनस की घोषणा न करने के विरोध में AIRF के आहवान पर बोनस अधिकार दिवस मनाया गया। इस अवसर पर WCREU द्वारा रेलवे स्टेशन के समक्ष दोपहर भोजनावकाश के दौरान विशाल द्वारसभा का आयोजन किया गया।

द्वारसभा में उपस्थित एक सैकड़ा रेलकर्मचारियों ने बोनस की घोषणा न होने की नाराजगी मे सरकार व रेल मंत्रालय के खिलाफ जमकर नारेबाजी की व अपनी भड़ास निकाली।

इस अवसर पर मंडल सचिव लिटोरिया ने बताया कि केन्द्र सरकार रेलवे कर्मचारियों को धोखा दे रही है। कभी मंहगाई भत्ते को बंद करने का आदेश देती है। कभी रात्रि भत्ता बंद करने के आदेश जारी करती है। तो कभी कर्मचारियों का बोनस रोक देती है।

उन्होंने कहा कि अब तो रेल कर्मचारियों द्वारा गत समय रात्रि में किये गये कार्यो के एवज में दिये गये शुगतान की रिकवरी करने के आदेश भी जारी होने लगे है। कोरोना महामारी की आड़ में सरकार मजदूरों की ताकत और मजदूर आंदोलन को कमजोर करने के लिए नित नये प्रयोग कर रही है।

आम सभा को सम्बोधित करते हुये मंडल अध्यक्ष का. बीएन शुक्ला ने कहा कि केन्द्र सरकार व रेल मंत्रालय एक-एक करके रेल कर्मचारियों के अधिकारों, सुविधाओं व वेतन भत्तो पर लगातार डाका डालने का काम कर रहे है। एक तरफ रेलमंत्री कहते है कि कोरोना काल मे भी रेलकर्मियों ने पहले से ज्यादा काम किया है। प्रधानमंत्री रेल कर्मियो को कोरोना वारियर्स तक कहते हैं और उसके बाद रेलकर्मियो का डीए, नाइट डयूटी, बोनस व अन्य भत्तों पर रोक लगा देते हैं। यह दोहरी नीति पूरी तरह से कर्मचारी विरोधी है। यूनियन इसका अन्तिम दम तक विरोध करेगी।

मंडल अध्यक्ष का. बीएन शुक्ला ने कहा कि सरकार रेल कर्मचारियो के लिए बोनस की शीघ्र घोषणा करे वरना निश्चित रूप से रेल उद्योग की औद्योगिक शान्ति बिगड़ने वाली है।

आज की द्वार सभा में का. जरनैल सिंह, का. रोमेश मिश्रा, का. नीरज श्रीवास्तव, का. एके सिंह , का. आरके सिंह, का. निरंजन कुमार, का. सुशान्त नील, का. जगदीश, रविरोशन, का. संतोष, का. रमेश, का. अजय, का. अरविन्द्र, का. अंकित पाण्डेय एवं सैकड़ों रेल कर्मचारी उपस्थित रहे।