Friday, April 19, 2024
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घेर लिया कुछ सवालों ने: निधि शर्मा

शांत से बैठे मन को घेर लिया कुछ सवालों ने
क्या लिखूं? मन की कहानी लिखूं
या आँखों का पानी लिखूं?
क्या मिली है आजादी हमको बीते 73 सालों में?
आज भी औरंगजेब बसा है देशवासियों के ख़्यालों में

देश हमारा भी आज विकसित होता
अगर यहां भी सोच का दायरा विस्तृत
यहाँ इंसान में नुसख़ निकाला जाता है
सरकार को भ्रष्टाचार का कारण बताया जाता है
यहाँ हर बात पर बाते बनाने की परम्परा है
यहाँ छोटे दिमाग वालों की छोटी सोच की बिमारी है
यहाँ उस पेड़ को ही कोसते हैं बैठे जिसकी डाली पे
वो इमान बहा देते हैं सियासत की गंदी नाली में

इस पवित्र भूमि पर ढोंग रचाया करते हैं
यहाँ ढेरो में कुछ बाबा अपनी हवस मिटाया करते हैं
अब प्रभु भी मिलतें नहीं पृथ्वी के किसी कोने
क्या मिली है आजादी हमको बीते 73 सालों में?

निधि शर्मा

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