दोस्ती निभाता कौन यहां: प्रार्थना राय

सच में बताओ तो जरा
देखने में सब सुखी हैं
मुस्कुराना तो महज़
इक दिखावा है,
सच में बताओ तो जरा
मुस्कुराता कौन यहां

दर्द को सहना भी कला है,
दर्द अपना, दवा अपनी
और दुआ भी अपनी
सच में बताओ तो जरा
दूसरों के घाव पर
मरहम लगाता कौन यहां

देखा है हम सब ने
दोस्तों की दोस्ती को
दोस्ती की रस्में, कसमें खाये,
वादा भी किए सब ने,
सच में बताओ तो जरा
दोस्ती निभाता कौन यहां

उजाले में सभी को
रहने की आदत है
देखा है हमने रात की कैद में,
उजाले को जाते हुए
सच में बताओ तो जरा
उजाले के लिए रोता कौन यहां

लोगों के व्यंग्य का
हिस्सा भी बनना पड़ा
दिल पे चोट भी खाई और
दिल के कई टुकड़े भी हुए
सच में बताओ तो जरा
टूटे दिल को जोड़ता कौन यहां

लोग बेवजह
एक-दूसरे से रूठ जाते हैं
घमंड की खूंटी पर
संबंधों को टांग देते हैं
सच में बताओ तो जरा,
रूठे को मनाने आता कौन यहां

हम सभी अकेले
सफर करते रहे,
रहगुज़र में ताउम्र बीतता गया
और समय निकलता गया
सच में बताओ तो जरा ,
सफ़र में साथ देता कौन यहां

प्रार्थना राय
देवरिया, उत्तर प्रदेश