मेरे शब्द: गरिमा गौतम

मेरे शब्दों में
नशा हैं
दवा है
दुआ है
प्यार है
आँसू है
हँसी है
नेह है
दुलार है
लगाव है
फिक्र है
चिंतन हैं
विचार है
अर्थ है
धर्म है
उजास हैं
तिमिर है
छाव हैं
धूप हैं
अहसास है
विश्वास है
भक्ति हैं
अपनापन हैं
चाहत बेशुमार है
आपको जो पसन्द हो
वो भाव चुन लो।

गरिमा राकेश गौतम
कोटा, राजस्थान