यादों की परछाइयां- अनुराधा चौहान

कुछ लम्हे दिल में बस जाते
तो मिटाएं नहीं मिटते
यादों में उनके चित्र
सदा ज़िंदा ही हैं रहते

बचपन से लेकर जवानी
कुछ यादें नई पुरानी
कुछ धुंधले होते चित्र
कुछ तस्वीरें हैं सुहानी

ज़िंदगी ने हम सभी को
कई रंग है दिखलाए
कुछ कीमती से चित्र हैं
जो दिल में हैं समाएं

कभी-कभी ज़िंदगी में
हालात बदल जाते हैं
समय के साथ लोगों के
ज़ज्बात बदल जाते हैं

बिखर जाते हैं रिश्ते
आ जाती हैं दूरियां
कभी-कभी हालात भी
बढ़ा देतीे हैं मजबूरियां

कितना भी करो दिखावा
रखो चाहें कितनी दूरियां
मिटा न सके दिल से कोई
यादों की परछाइयां

कुछ लम्हों के चित्र
कभी मिट नहीं सकते
दूर हो चाहे कितने भी
पर रिश्ते मिट नहीं सकते

-अनुराधा चौहान