आत्मनिर्भर भारत: अंकिता वासन

किसी भी दृष्टि से आत्मनिर्भरता मानव का सबसे बड़ा गुण होती है और उसके लिए सबसे बड़ा सहारा बनती है। व्यक्ति यदि आत्मनिर्भर होगा, तो उसे दूसरों की मदद की जरूरत कम से कम पड़ेगी और किसी भी संकट की घड़ी में वह उसका सामना अधिक मजबूती से कर सकेगा और दूसरों पर आश्रित नहीं रहेगा। व्यक्ति हो या देश आत्म निर्भरता सबके लिए एक उत्तम गुण है।

हमारा देश संसाधनों की दृष्टि से एक समृद्ध देश है और हमारा देश इतना सक्षम भी है कि हर वस्तु का उत्पादन स्वयं कर सकता है। बस इसके लिए इच्छाशक्ति और कार्यकुशलता होनी चाहिए।

आत्मनिर्भरता से तात्पर्य है कि हमारा देश हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो, हर एक वस्तु सुई से लेकर हवाई जहाज तक हमारा देश स्वयं बना सके और हमे बाहरी देश पर निर्भर ना होना पड़े।आत्मनिर्भरता के कई फायदे है। इस से देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है। अधिक से अधिक उद्योग लगते हैं, जिससे रोजगार में वृद्धि होती है। बेरोजगारी की दर कम होती है।

कोरोना वायरस से उपजी महामारी के संकट ने हमारे देश को एक अवसर दे दिया है कि हम जीवन के हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनें ताकि हमारे देश की अर्थव्यवस्था अधिक मजबूत हो और हम जीवन के किसी भी क्षेत्र में किसी भी देश पर आश्रित न रहें। हमने ये सिद्ध भी किया है कि यदि ठान ले तो पूरी तरह आत्म निर्भर बन सकते हैं जैसा कि अभी हम करोना वायरस के समय पीपीई किट और वेंटिलेटर आदि के उत्पादन में कर चुके हैं।

कोरोना वायरस की महामारी से पहले हमारे देश में पीपी और वेंटीलेटर का उत्पादन बेहद कम होता था। लेकिन इस संकट की घड़ी के बाद हमने अपने घर में ही इन वस्तुओं की पर्याप्त आपूर्ति लायक उत्पादन करना आरंभ कर दिया है।

यह आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाया गया हमारा पहला कदम है और एक सफल उदाहरण भी है। हम यदि मन में ठान ले तो जीवन के हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकते हैं इसीलिए अपने देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मिलजुल कर जी जान से जुट जाएं।

अंकिता वासन