कृपया राजनीति न करें: मुकेश चौरसिया

“देखिए इस विषय पर राजनीति न करें। मैं आपसे हाथ जोड़कर विनती कर रहा हूँ कि आप इस विषय पर ओछी राजनीति न करें। सरकार इस विषय पर अपनी बात रख चुकी है,  हमारे घोषित-अघोषित प्रवक्ता अपनी बात कह चुके यहां तक कि प्रधानमंत्री भी अपना मौन तोड़ चुके हैं।“

“देखिए राजनीति तो आप लोग कर रहे हैं। हम तो जिम्मेदार विपक्ष होने के नाते जनभावनाओं को उठा रहे हैं। देश की सवा अरब जनता आपसे जवाब मांग रही है।“

“आप लोग जनभावनाओं के नाम पर जनता को भड़काने का काम कर रहे हैं, आपको यह नहीं भूलना नहीं चाहिए कि जनता समझदार हो गई है और आप जो इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे है वो आपकी मंशा को समझ रही है।“

“आप ठीक कह रहे है देश की जनता आने वाले चुनाव में आपसे इस बात का जवाब भी माँगेगी और सबक भी सिखाएगी।

“एक बार और मैं कहना चाहता हॅू कि जो कुछ भी हुआ है उसके लिए पिछली सरकार की नीतियाँ जिम्मेदार है। आप दोनों सरकार के आँकड़े देख लीजिए।“

“हमारी पिछली सरकार ने जो कुछ किया है उसकी मिसाल ही नहीं मिल सकती। जनता आज भी हमारे शासन को याद करती है और जिन नीतियों पर आप विकास का दावा कर रहे हैं उसकी बुनियाद हमने रखी थी।“

“जीं हां, जनता को उस जमाने के घोटाले भी याद हैं और आपके नेताओं के स्टिंग आपरेशन भी याद हैं। शायद इसलिए जनता ने आपको सत्ता से बेदखल कर दिया है।“

“आप सत्ता के लालची हैं।“

“नहीं, आप सत्ता के लालची हैं।“

“देखिए आप फिर राजनीति कर रहे हैं । मामला राजनैतिक षडयंत्र का है, जनता बखूबी समझती है। मामला कोर्ट में है इसलिए मैं इस विषय पर कुछ नहीं कह सकता।”

“आपने राजनीति के नाम पर आस्था के मुद्दों को हवा दी है, देश की एकता अखंडता को दाँव पर ही लगा दिया है। लेकिन हम इस विषय पर राजनीति नहीं करना चाहते हैं।“

“अजी वोट की राजनीति तो आप करते हैं । जाने दीजिए हम भी इस विषय पर राजनीति नहीं करना चाहते।“

और दोस्तों इसके बाद सत्ता पक्ष के प्रवक्ता और विपक्ष के दोनों प्रवक्ता बड़़ी शान से स्टूडियो से बाहर आए। एक दूसरे को देखकर दुआ सलाम की। उनके अपने-अपने ड्राइवर अपनी अपनी गाड़ियाँ लेकर आ गए। ये दोनों कुछ देर तक न जाने क्या बात करते रहे बाद में न जाने क्या सोचकर एक की कार में बैठकर किसी दिशा की ओर रवाना हो गए।

कुछ लोगों का कहना है कि वे दोनों किसी बार में गए कुछ लोगों का मत है कि दोनों किसी सांस्कृतिक कार्यक्रम में किसी नर्तकी का नृत्य देखने चले गए।

बहरहाल सुबह के समाचार पत्रों में दो विभिन्न पार्टियों के कार्यकर्त्ताओं के बीच हिंसक झड़प की खबर छपी है।

देखिए अब हम भी इस विषय पर हम भी कोई राजनीति नहीं करना चाहते।

मुकेश चौरसिया
गणेश कॉलोनी, केवलारी,
सिवनी, मध्य प्रदेश