केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तावित विद्युत कंपनियों के निजीकरण के विरोध में आंदोलन का शंखनाद

NCCOEEE के आव्हान पर 26 नवंबर को एक दिवसीय देशव्यापी विरोध प्रदर्शन मध्य प्रदेश में मप्र यूनाइटेड फोरम फॉर पॉवर एम्पाईज एण्ड इंजीनियर्स के बैनर तले विभिन्न मांगों पर केन्द्र सरकार की नीतियों के विरोध में राजधानी भोपाल सहित सभी संभागीय एवं जिला मुख्यालयों में काली पट्टी लगाकर सांय 5:30 बजे गेट मीटिंग की जायेगी।

इस संबंध में फोरम द्वारा मुख्यमंत्री एवं सभी संबंधितों को सूचित कर दिया गया है। विद्युत कर्मचारियों की मांग है कि प्रस्तावित विद्युत सुधार बिल 2020 एवं एसबीडी को तुरन्त वापस लिया जाये। प्रदेश एवं केन्द्रशासित प्रदेशों में वितरण कंपनियों के निजीकरण को वापस लिया जाकर देश में प्राइवेट लाइसेंसी एवं फ्रेंचाइजी समाप्त की जाये।

साथ ही पूरे देश में उत्पादन, पारेषण एवं वितरण कंपनियों का केरल राज्य विद्युत बोर्ड की तरह एकीकरण किया जाये। नई पेंशन योजना को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना लागू की जाये एवं अनिवार्य सेवानिवृत को विद्युत क्षेत्र में समाप्त किया जाये।

इसके अलावा संविदा कर्मियों के नियमितीकरण के साथ-साथ आउटसोर्स कर्मियों को तेलगांना शासन की तर्ज पर संविलियन किया जाये। अधोसंरचना अनुसार नये पद सृजन कर उन्हें नियमित कर्मचारियों से भरा जाये।

केन्द्र सरकार द्वारा विद्युत क्षेत्र में अपनाई जा रही आमजन, किसान, व्यवसायी, अधिकारी-कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ 26 नवंबर से आंदोलन का शंखनाद किया जा रहा है।

फोरम ने कहा है कि इसके वावजूद यदि शासन द्वारा इस मांगों पर विचार नहीं किया गया एवं चर्चा नहीं की गई तो माह दिसम्बर में सभी वर्गों के बीच जन जागरण कर एनसीसीओईईई द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार जनवरी एवं फरवरी 2021 में पूरे देश के बिजली अभियंता व कर्मचारी क्रमिक कार्य बहिष्कार कर पूर्ण कार्य का बहिष्कार भी करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी केन्द्र शासन व प्रदेश शासन की होगी।