रेलकर्मियों की लंबित मांगों के त्वरित निराकरण हेतु WCRMS ने किया प्रदर्शन

वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ ने एसी कोचिंग कर्मचारियों की ज्वलंत समस्याओं को लेकर वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे मजदूर संघ ने मंगलवार को कोचिंग डिपो में एक दिवसीय सांकेतिक धरना प्रर्दशन कर सीनि. डीईई के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

मंडल सचिव डीपी अग्रवाल, संयुक्त महामंत्री सतीश कुमार, एसके वर्मा, दीना यादव आदि वक्ताओं ने मांगे पूरी नहीं होने की दशा में आमरण अनशन करने का ऐलान किया। इस धरना प्रदर्शन में रेलकर्मियों लंबित समस्याओ के निराकरण की मांग की गई है।

1. कोरोना काल में रेलवे के प्रति अपनी पूर्ण निष्ठा के साथ कार्य करने एवं गाड़ियों के संचालन में अपनी सहभागिता निभाने के बाद भी प्रशासन द्वारा उनकी समस्याओ पर गंभीरतापूर्वक विचार नही किया जा रहा है।

2. कोरोना काल के पहले जबलपुर से पहले जबलपुर से चलने वाली सभी LRB रैक में रेलवे बोर्ड की गाइड लाइन के अनुसार एक इंचार्ज एक एसी मैकेनिक एव एक सहायक मैकेनिक एवं दो प्राईवेट पावर कार मैकेनिक चलाये जा रहे है।

3. कोराना काल के बाद से चार रेलवे स्टॉफ चलाये जाने लगे एवं कर्मचारियो को आश्वासन दिया गया कि प्राईवेट हेल्पर का ठेका होने पर एक हेल्पर दिया जायेगा परन्तु हेल्पर का ठेका होने के बाद रेलवे का केवल एक स्टॉफ ही LHB रैक में बुक किया जाने लगा जिससे कि रेलवे स्टॉफ की जबावदारी बढ़ गई क्योकि LHB रैक मुख्य रूप से दो भागो में बाटा जा सकता है। (A) पावर कार (B) AC एवं नान AC कोच पावर कार में जो स्टॉफ रहता है उसका मुख्य रूप से कार्य जरनेटर चलाना अथवा HOG से गाड़ी का संचालन करना पड़ता है, ( B ) HOG लगाते समय निकालते समय एवं ड्राईवर को मैमो देना होता है जो कि रेलवे स्टॉफ द्वारा ही दिया जाता है। (C) डीजल भरवाने का मैमो रेलवे स्टॉफ द्वारा ही दिया जाता है, पावर कार अथवा HOG में कुछ त्रुटी आने पर कंट्रोल को सूचना रेलवे स्टॉफ द्वारा ही दी जाती है।

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4. कोचों में जो मैकेनिक रहता है एसे एसी एवं नॉन एसी कोचो में खराबी आने पर उसे तुरंत दूर किया जाता है। एवं एसी को की मानिटरिंग की जाती है।

5. मैकेनिक तीन से पांच दिन तक लगातार ड्यूटी करता है, रनिंग में एसी के साथ नॉन एसी कोच भी देखता है, उन्हें दबाव देकर अकेले भेजा जा रहा है, जिसमें वह मानसिक तनाव में ड्यूटी कर रहा है।

6. अधिकतर पावर कार मैकेनिक एवं सहायक मैकेनिकों को कार्य का ज्ञान नहीं है, जिसके कारण रेलवे स्टॉफ पर कार्य का अधिक दबाव पड़ रहा है।

7. गरीब रथ में पहले इंचार्ज तीन रेलवे मैकेनिक एवं एक प्राईवेट सहायक के साथ चलाया जा रहा था, जबकि अभी वर्तमान में एक मैकेनिक दो हेल्पर एक प्राईवेट सहायक के साथ चलाया जा रहा है, जो कि सरक्षा कि दृष्टि से सर्वथा अनुचित है।

8. कॉन्टेक्टर को जो कार्य दिया गया है उसमें कान्टेक्टर की जबाबदारी तय नहीं होने से कार्य का अतिरिक्त बोझ रेलवे कर्मचारियों तय नहीं होने से कार्य का बोझ रेलवे कर्मचारियों पर आ रहे है।

9. A.C./TL में बेहद कमी है LHB रैक चलाने के बाद यह स्थिति चिंताजनक हो गई है, यार्ड स्टिक अनुसार स्टॉफ उपलब्ध कराया जाये।

10. 16/24 एवं 8 शिफ्ट में एसएसई अथवा जेई की ड्यूटी लगायी जाये।

11. प्रायवेट कॉन्ट्रेक्ट के सहायक मैकेनिक के रूप में जिन लोगो को भर्ती किया जा रहा है उनमें अधिकतर पहले अटेंडेंट के रूप में कार्य करते थे एवं उनकी असामजिकता गतिविधियो एवं शराबखोरी की वजह से जिन्हें पहले निकाल दिया था, वह लोग नकली डिप्लोमा लगाकर सहायक के रूप में कार्य कर रहे।

इस प्रदर्शन में संघ के संयुक्त महामंत्री सतीश कुमार, एसके वर्मा, सहायक महामंत्री एसके सिन्हा, मंडल सचिव डीपी अग्रवाल, महिला महामंत्री श्रीमति सविता त्रिपाठी, जेपी मीना, दीना यादव, अफजल हासमी, हर्ष वर्मा, संतोष त्रिवेणी, मंतोष कुमार, अनिल चौबे, मंदीप सिंह, रवि, बॉवी धौलपुरे, महेन्द्र गुप्ता, एसआर बाउरी, रोशन यादव, देवी सिंह यादव आदि के साथ सैकडो कर्मचारियो ने भाग लिया। कार्यकम का संचालन मुख्य शाखा सचिव आरए सिंह ने किया।