NFIR-WCRMS के दबाव के बाद रेलवे बोर्ड ने वापस लिया अपना फरमान

रेलवे बोर्ड ने विगत 23 नवम्बर 2020 को एक तुगलकी फरमान जारी करते हुए रिफरल निजी अस्पतालो में चिकित्सा सुविधा पर रोक लगा दी थी।

जिसके तहत रेलवे अस्पताल से केवल सरकारी चिकित्सालयों या आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत आने वाले अस्पताल में ही रेल कर्मी व उनके परिवारजनों को रिफर करने का प्रावधान किया। यदि इन अस्पतालों में इलाज की सुविधा नही होने की दशा में ही अति आवश्यक गम्भीर स्थिति में ही प्राइवेट रिफरल अस्पतालों में मरीजों का इलाज किया जाए।

रेल मज़दूर संघ के महामंत्री अशोक शर्मा व संघ प्रवक्ता एवं कार्यकारी महामंत्री श्री सतीश कुमार ने बताया कि एनएफआईआर के महामंत्री डॉ एम. राघवैय्या व एनएफआइआर के कार्यकारी अध्यक्ष तथा संघ के अध्यक्ष डॉ आर.पी. भटनागर ने उक्त तुगलकी फरमान का विरोध करते हुए विगत 24 नवम्बर को पत्र लिखकर रेलवे बोर्ड अध्यक्ष विनोद यादव से वार्ता कर रोष प्रकट किया।

जिसके परिणाम स्वरूप 24 नवम्बर को उक्त तुगलकी फरमान वापस ले लिया। जिससे रेल कर्मी व उनके परिवारजन पूर्व की तरह प्राईवेट अस्पतालो में भी रिफर किये जा सकेंगे।