कर्मचारी विरोधी है मप्र सरकार का बजट, 10 लाख कर्मचारियों में भारी रोष

मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री योगेंद्र दुबे ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि प्रदेश के कर्मचारियों को सरकार द्वारा बजट में कोई भी लाभ नहीं दिया गया है। प्रदेश के लगभग 10 लाख कर्मचारी जिसमें निगम, बोर्ड मंडल, अर्ध शासकीय कर्मचारियों में रोष व्याप्त है।

कर्मचारियों का महंगाई भत्ता रोका गया, वेतन वृद्धि रोकी गई, सातवें वेतनमान को रोका गया, एरियर्स की बकाया राशि, मुख्यमंत्री चिकित्सा योजना का लाभ, आयुष्मान चिकित्सा योजना, आवास भत्ता और वृत्ति कर में कटौती की जा रही है।

इसके अलावा नवीन पेंशन योजना का लाभ लेने वाले कर्मचारियों को सरकार द्वारा 14 प्रतिशत की जगह 10 प्रतिशत का अंशदान मिल रहा है। सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ कोरोना योद्धाओं को 10 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि देने के लिए भी बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है।

मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, संजय यादव, अटल उपाध्याय, नरेंद्र दुबे, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, दुर्गेश पांडेय, वीरेंद्र चंदेल, एसपी बाथरे, चंदू जाऊलकर, आशुतोष तिवारी, बलराम नामदेव, मुन्ना लाल पटेल, सुरेंद्र जैन, डॉ संदीप नेमा, बृजेश मिश्रा, चूरामन गुर्जर, सीएन शुक्ला, तुषरेन्द्र सिंह, अमित गौतम, मो. तारीक, धीरेंद्र सोनी, प्रियांशु शुक्ला, संतोष तिवारी, महेश कोरी आदि ने सरकार के कर्मचारी विरोधी बजट की घोर निंदा की है। इन्होंने कहा कि कर्मचारी हित में लाभ नहीं दिए गए तो संघ द्वारा उग्र आंदोलन का रास्ता अपनाया जावेगा।