Daily Archives: Mar 11, 2018
ताज़ा गुलाब- सुधीर पाण्डेय
हमने ग़मो को सतहे-बराबर में रख दिया
यानि कि अपना नाम हुनरवर में रख दिया
काँटे सहेजने में, मेरी उम्र कट गयी
ताज़ा गुलाब किसने ये बिस्तर...
तुम- श्वेता राय
पूर्णिमा की रात बन कर,तुम हृदय पर छा रहे|
चाँदनी का रूप धर कर, प्रीत तुम बरसा रहे||
रात जाती कट नयन में, भोर मधु सरसा...