Thursday, October 24, 2024

Daily Archives: Mar 11, 2018

ताज़ा गुलाब- सुधीर पाण्डेय

हमने ग़मो को सतहे-बराबर में रख दिया यानि कि अपना नाम हुनरवर में रख दिया काँटे सहेजने में, मेरी उम्र कट गयी ताज़ा गुलाब किसने ये बिस्तर...

तुम- श्वेता राय

पूर्णिमा की रात बन कर,तुम हृदय पर छा रहे| चाँदनी का रूप धर कर, प्रीत तुम बरसा रहे|| रात जाती कट नयन में, भोर मधु सरसा...

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