Daily Archives: Jul 11, 2018
दृष्टिहीन- संजय भारद्वाज
मैं देखता हूँ रोज
दफन होता एक बच्चा
मैं देखता हूँ रोज
टुकड़े-टुकड़े मरता एक बच्चा,
पीठ पर वजनी बस्ता लटकाए
स्कूल जाते, स्कूल से लौटते
बोझ से कंधे-सिर झुकाए
ट्यूशन...
किस्तों में- पिंकी दुबे
किस्तों में जो यूँ
मुझे रोज सजा देते हो
अंखियों को फिर क्यों
समन्दर का नाम देते हो
मत कर इतना सितम
ओ सितमगर,
तिल तिल कर रोज़
मेरी क्यों जान...