Wednesday, October 23, 2024

Daily Archives: Jul 23, 2018

ज़िंदंगी जैसे कि- सूरज राय सूरज

ख़्वाहिशें, टूटे गिलासों-सी निशानी हो गई। ज़िंदंगी जैसे कि, बेवा की जवानी हो गई।। कुछ नया देता तुझे ए मौत, मैं पर क्या करूँ ज़िंदगी की शक्ल...

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