Daily Archives: Jan 4, 2019
दादी का वो गाँव- कंचन मिश्रा
बहुत याद आता है, दादी का वो गाँव
वो मिट्टी का आँगन और पीपल की छाँव
हर छुट्टियों में गाँव चले जाना
सब भाई बहनों के साथ
मिलकर...
जब तुम लौटोगे तो- भावना सिन्हा
लौटना जीवन की सबसे सुन्दर क्रिया है
लौटने में ही छिपा है
अमरता का रहस्य
कोई सूर्य नया नहीं
सूर्य वही
कोई पत्ता नया नहीं
पत्ते वही
कोई जल नया नहीं
जल...
नाम तेरा ही आएगा- पुष्प प्रेम
गम में, खुशी में नाम तेरा ही आएगा
मेरी जिन्दगी में नाम तेरा ही आएगा
दुआओं में मैंने मांगा है हर बार तुम्हें
मेरी बन्दगी में नाम...
ये रास्ते कभी तो सुनसान रहे होंगे- सूरज राय सूरज
क़दमों की आहटों से अंजान रहे होंगे
ये रास्ते कभी तो सुनसान रहे होंगे
आँखों से लाश की, यूँ आँसू नहीं निकलते
मुर्दा बदन में, ज़िंदा अरमान...