Daily Archives: Jan 15, 2019
दोहे- विश्वास वर्धन गुप्त
सूरज धनु को छोड़ के, मकरी करें प्रवेश।
जनमन के उत्साह का, दिखता नव परिवेश।।
पच्चीस दिनी धनु रहें, पन्द्रह मकर समान।
चिल्ला जाड़े के यहाँ, दिन...
सिर्फ प्रेम पहुँचाऊंगी मैं- अंकिता कुलश्रेष्ठ
दुर्गम जीवन पाषाणी जन
नीरव कानन नीड़ तुम्हारा
यहां मधुर फूलों सा सुरभित
सजा हुआ संसार हमारा
आएंगे भी अश्रु अगर तो
सब से उन्हें छिपाउंगी मैं,
प्राण।मलय के हाथों...
आज फिर दिन कुछ उदास है- श्वेता राय
आज फिर दिन कुछ उदास है
नाम उसका जो जिंदगी रख दिया
मिल कर भी मिला अधूरा सा वो
यादें उसकी जगाती मिलन प्यास है
आज फिर दिन...
मुझे यूँ न निकालो मन से- रुचि शाही
समेट लो मुझको बांहों में
मैं टूटा तो बिखर जाऊंगा।
मैं अश्कों का मोती हूँ
सहेज लो मुझको दामन में
एक कोने में रह लूंगा मैं
रहने दो मन...
कुछ पूनम की रातें हैं तो कुछ अँधियारी रातें हैं- शीतल वाजपेयी
कुछ खट्टे कुछ मीठे लम्हें, कुछ ख़ारी सी बातें हैं।
कुछ पूनम की रातें हैं तो कुछ अँधियारी रातें हैं।
आँचल के हर एक छोर पर...