Daily Archives: Jan 20, 2019
जो नवयुग का निर्माण करे- विनय
बिन नैनों के बुझे धरा पर,
ऐसा शोर मचा जाऊंगा,
चंद क्षणों के रहते कितने,
क्षणों को केंद्र बना जाऊंगा,
मैं विनय चाहूंगा उस जीवन को,
जो नवयुग का...
वो महफ़िल छोड़कर जाऊं मैं कैसे- आशुतोष असर
जताऊं मालिकाना हक़ मैं किस पे
मेरा सच खुद किराए का मकां हूँ
बदन हूँ मैं, तिलस्मों का खज़ाना
मुझे सुन लो सरापा दास्तां हूँ
वो महफ़िल छोड़कर...