Wednesday, October 23, 2024

Monthly Archives: February, 2019

ये कैसा गणतंत्र है- कुमारी अर्चना

ये कैसा गणतंत्र है जहाँ की भाषा और व्यवस्था अभी तलक परितंत्र है! चले गए अंग्रेज किंतु अंग्रेजी का है अनुशासन बढ़ती गई दाम है सुरसा महँगा होता गया है...

रिश्तों के मायने- अनुराधा चौहान

भीड़ कितनी भी हो मगर पर तन्हाईयां रास आतीं हैं होती है कुछ वेदना भरी स्मृतियां मन मस्तिष्क से नहीं निकल पातीं हैं ऐसे ही जब कोई अपना असमय ही...

इन स्मार्टफोन्स से निकलता है अधिक मात्रा में खतरनाक रेडिएशन

आज लगभग हर व्यक्ति स्मार्टफोन का उपयोग कर रहा है और स्मार्टफोन हमारी रोजमर्रा की ज़िन्दगी का अनिवार्य हिस्सा बन चुका है। स्मार्टफोन के...

क्या हुआ- सूरज राय सूरज

कोने में घर के मकड़ी के जालों का, क्या हुआ अनसुलझे ज़िंदगी के सवालों का क्या हुआ दिल के चमन के, पत्ते तलक खौफ़जदा हैं उन हसरतों...

वासंती दोहे- स्नेहलता नीर

फूले टेसू-मोगरा, फूल गयी कचनार। गेंदा चंपा खिल गये, फूला हरसिंगार।। बेला, जूही, केतकी, फूले लाल गुलाब। फूल गयी गुलदाउदी, दिल में जागे ख़्वाब।। सेंवल सरसों भी खिले,...

एक अंधा और उसका अंधेरा- कुमारी अर्चना

गाड़ी में बड़ी भीड़ थी आदमी ऊपर था या नीचे इतना पता करने का किसी के पास फुर्सत ना थी बस की सीट चाहिए थी विक्लांग की सीट खाली...

प्रार्थना है लेखनी को विमल कर, नव धार दे दो- स्नेहलता नीर

मात् वीणा-पाणि हमको ज्ञान का उपहार दे दो प्रार्थना है लेखनी को विमल कर, नव धार दे दो वेदना है हर हृदय में, कंठ रोदन से...

माँ शारदे, माँ शारदे- कुंवर उदय

माँ शारदे माँ शारदे, माँ शारदे माँ शारदे छा रहा सब जग अंधेरा, मां तमस से तार दे, शारदे माँ शारदे... कर उज़ाला भर उज़ाला, माँ तेरा उपकार दे, शारदे मां...

बसंत- श्वेता राय

आसमान बरसा रहा है प्रेमखिलखिला रही है दूबखोल पट मिट्टी का सुनो!मेरे रूठे प्रेमी! तुम भी बढ़ाओतपिश अपने प्रेम कीकि शिशिर से सुसुप्त पड़ा हमारा साथ बौरा...

प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है त्रिपुरा- प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी असम, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा की अपनी यात्रा के अंतिम चरण में आज अगरतला पहुंचे। उन्होंने गर्जी-बेलोनियां रेल लाइन तथा राज्य...

माँ सरस्वती का प्राकट्य दिवस बसंत पंचमी, शुभ मुहूर्त में करें पूजन

सनातन धर्म में बसंत पंचमी का विशेष महत्व है, ऐसा कहा जाता है कि बसंत पंचमी के आते ही ऋतु परिवर्तन होने लगता है।...

वागीश्वरी रागेश्वरी सिद्धेश्वरी मृगलोचनी- श्वेता राय

वागीश्वरी रागेश्वरी सिद्धेश्वरी मृगलोचनी|आ कंठ में मेरे बसो हे मात वीणा धारिणी|| तुम ज्ञान हो व्यवहार हो तुम हो ऋचा इक पावनी|तुम से सकल ये...

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