Daily Archives: Mar 28, 2019
यक़ीन मानो- अनामिका चक्रवर्ती
ये जो तुम मेरी हर बात को
सिगरेट के धुंए की तरह
हँसी में उड़ा देते हो न
यक़ीन मानो,
मुझे कभी बुरा नहीं लगता
बल्कि मैं खुद को
तुम्हारे...
यादों की गिरफ्त- नंदिता राजश्री
चोर था वो, शातिर पैनी निगाहों वाला
उसकी नज़रों में उतरी चीज़ें बचती नहीं थीं
बड़ी सफाई से उड़ा दिया करता था
फिर कीमती सामान बेच लिया...
मीत मन भाने लगा है प्रीत का मौसम- स्नेहलता नीर
खिल गए हैं फूल कोयल छेड़ती सरगम।
मीत मन भाने लगा है प्रीत का मौसम।
कर रहा है नवसृज ऋतुराज धरती पर।
मन प्रफुल्लित मन रहा त्यौहार...