Wednesday, October 23, 2024

Yearly Archives: 2019

सुरक्षाबलों को मिली पूरी स्वतंत्रता, आतंक के मददगारों को चुकानी पड़ेगी भारी कीमत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीसीएस की बैठक के बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि सुरक्षाबलों के साथ पूरा देश खड़ा है। उन्हें...

सीसीएस की बैठक शुरू, मोदी ने अपने सभी कार्यक्रम किये रद्द

जम्मू कश्मीर के पुलवामा के अवंतिपोरा में हुए आतंकी हमले को लेकर प्रधानमंत्री आवास में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की अहम बैठक शुरू...

जोंटी रोड्स ने इस भारतीय खिलाड़ी को बताया बेहतरीन फील्डर

विश्व क्रिकेट के बेहतरीन क्षेत्ररक्षकों में शुमार रहे दक्षिण अफ्रीका के पूर्व क्रिकेटर जोंटी रोड्स ने आईसीसी के कहने पर दुनिया के पांच सबसे...

आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद

जम्मू कश्मीर के पुलवामा के पास हुए आतंकी हमले में गुरुवार को सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हो गए और 20 से अधिक घायल...

जनता- डॉ राजेश दुबे

ईद मनाती सरकारें बलि का बकरा है जनता मुफ्तखोर हैं लूट रहे जेब कटाती है जनता... आँसू पोंछ रहे घड़ियालों के जिनके दाँतों बीच फसी पूँछ हिलाती है जनता... फटे जेब पर जश्न...

प्रीत धरा की- अनिता सैनी

निशा निश्छल मुस्कुराये प्रीत से, विदा हुई जब भोर से तन्मय आँचल फैलाये प्रीत का, पवन के हल्के झोंको से कोयल ने मीठी कुक भरी, जब निशा मिली थी...

वो सपने फिर सजाना चाहता है- प्रिया सिन्हा संदल

मुक़द्दर को दिखाना चाहता है। ख़ुदी को आज़माना चाहता है।। बिखेरे वक़्त की आँधी ने जो भी वो सपने फिर सजाना चाहता है।। लगे है दाग जितने हारने...

कभी खुद से मिले क्या- शीतल वाजपेयी

मिले हो हर किसी से पर कभी खुद से मिले क्या? कभी पूछा है खुद से हैं कोई शिकवे-गिले क्या? कभी तनहाइयों में बैठ कर खुद...

संसद के केंद्रीय कक्ष में अटल जी के चित्र का अनावरण

राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज संसद के केन्‍द्रीय कक्ष में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के चित्र का अनावरण किया। उपराष्‍ट्रपति एम. वेंकैया नायडू,...

प्रिय-प्रेम की पाती- स्नेहलता नीर

अब ऋतु वसंती और सँग में फाग का है आगमन प्रिय-प्रेम की पाती पवन भी पढ़ रही होकर मगन हैं आम सब बौरा रहे, कोयल मधुर...

ऐ फगुनिया- रंजीत कुमार तिवारी

ऐ फगुनिया! कितनी भाग्यशाली है तू कि ऐसा अप्रतिम प्रेमी पाया जिसके प्यार ने शाहजहाँ मुमताज ताजमहल को भी शरमाया एक नई इबारत लिख दिया मोहब्बत के फलक पर तेरे प्रेमी...

ये कैसा गणतंत्र है- कुमारी अर्चना

ये कैसा गणतंत्र है जहाँ की भाषा और व्यवस्था अभी तलक परितंत्र है! चले गए अंग्रेज किंतु अंग्रेजी का है अनुशासन बढ़ती गई दाम है सुरसा महँगा होता गया है...

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