Tuesday, October 22, 2024

Yearly Archives: 2019

सक्रिय राजनीति में प्रियंका गांधी वाड्रा की एंट्री

प्रियंका गांधी वाड्रा की सक्रिय राजनीति में औपचारिक एंट्री हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें जनरल सेक्रेट्री नियुक्त कर पूर्वी यूपी...

नाम कर दो देश के अपनी जवानी- श्वेता राय

सुभाष चंद्र बोस द्वारा दिये रंगून भाषण का काव्यानुवाद... मूक होकर सह रहे हम पीर क्यूँ| बह रहा केवल हमारा नीर क्यूँ|| माँ हमारी झेलती अपमान क्यूँ| हम...

आज तेरा प्यार रोया- आईना शाण्डिल्य

आईना शाण्डिल्य आज तेरा प्यार रोया। क्यों कहा आने को तुमने,जब तुम्हें आना नहीं था।एक पल में जुग बिताया,(तुम) हो निष्ठुर, जाना नहीं था।। रात रोई, दिन...

प्रधानमंत्री ने वाराणसी में 15वें प्रवासी भारतीय दिवस का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वाराणसी के दीनदयाल हस्तकला संकुल में 15वें प्रवासी भारतीय दिवस के पूर्ण सत्र का शुभारंभ किया। इस अवसर पर...

आईसीसी के टॉप 3 अवार्ड जीतने वाले पहले क्रिकेटर बने विराट

टीम इंडिया के कप्‍तान विराट कोहली आईसीसी अवार्ड्स के इतिहास में आईसीसी के टॉप 3 अवार्ड जीतने वाले पहले क्रिकेटर बन गए हैं। विराट...

ग़म के लबों पे आज- सुरजीत तरुणा

स्याह रातों के ख़वाबों ने छुआ था कभी संगलाख उँगलियों से जिन्हें ग़म के लबों पे आज फ़िर से शबनम के क़तरें हैं चिलमनों से झाँकते थे कभी वो हसरतों...

धर्मक्षेत्रे चुनावक्षेत्रे- प्रशांत सेठ

कुरुक्षेत्र (चुनाव) के मैदान में इस बार अर्जुन (वोटर) फिर भ्रमित था। ईवीएम के सामने उसने अपना अँगूठे रूपी गाण्डीव को घर दिया। तभी...

मैं जिसमें उतर गया कल शब- रामरज फ़ौजदार फौजी

ज़मीर ही था, मैं जिसमें उतर गया कल शब अचानक आईना देखा तो डर गया कल शब हरे भरे हुए शादाब दरख़्तों की हवा चली भी यूँ...

जो नवयुग का निर्माण करे- विनय

बिन नैनों के बुझे धरा पर, ऐसा शोर मचा जाऊंगा, चंद क्षणों के रहते कितने, क्षणों को केंद्र बना जाऊंगा, मैं विनय चाहूंगा उस जीवन को, जो नवयुग का...

वो महफ़िल छोड़कर जाऊं मैं कैसे- आशुतोष असर

जताऊं मालिकाना हक़ मैं किस पे मेरा सच खुद किराए का मकां हूँ बदन हूँ मैं, तिलस्मों का खज़ाना मुझे सुन लो सरापा दास्तां हूँ वो महफ़िल छोड़कर...

उसकी आँखों में- अनु

उसकी आंखों में एक उदासी सी! नाव तैरती रहती थी अक्सर। उसकी आंखें नम हो कर भी!! दूसरों को धोखा दे जाती थी! वो मुस्कराना चाहती थी, अक्सर पर...

दिल परेशाँ है उसकी ख़ातिर ये- चित्रा भारद्वाज सुमन

दिल परेशाँ है उसकी ख़ातिर ये और कर बैठी उसको ज़ाहिर ये फिर से दरिया सराब निकला तो प्यासा मर जाएगा मुसाफ़िर ये कुछ असर ही नहीं हुआ...

Most Read