Tuesday, October 22, 2024

Yearly Archives: 2019

घर और सड़क के बीच- अनु प्रिया

घर और सड़क के बीच एक औरत है घर उसके भीतर घर बनाकर बैठा है सड़क उसके इंतजार में है उसकी गोद में है बच्चा और उसकी पीठ पर सामान घर...

आशाएं ऐसी हों जो- अर्श लखनवी

आशाएं ऐसी हों जो मंज़िल तक हमें ले जाए मंज़िल ऐसी हो जो जीवन की राह सिखा जाए, जीवन ऐसा हो अपना कद्र करे संबंधों की सदा, संबंध बने ऐसे...

सबसे ज्यादा इस सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सक्रिय रहते हैं भारतीय

भारत स्मार्टफोन का उभरता हुआ बाज़ार है। आज शहरों में अधिकांश लोग स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं और स्मार्टफोन का उपयोग करने वालों में...

भारत में व्यापार करना हुआ आसान- प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज गांधीनगर स्थित महात्मा गांधी प्रदर्शनी सह सम्मेलन केन्द्र में वाइब्रेंट गुजरात के 9वें संस्करण का उद्घाटन किया। इस अवसर...

ऑस्ट्रेलिया में टीम इंडिया की ऐतिहासिक जीत, पहली बार द्विपक्षीय सीरीज पर कब्जा

ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच खेले गए द्विपक्षीय वनडे सीरीज के अंतिम और निर्णायक मुकाबले में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 7 विकेट से हराकर...

गांधी शान्ति पुरस्कारों की घोषणा

भारत सरकार ने वर्ष 2015, 2016, 2017 और 2018 के लिए गांधी शांति पुरस्कार घोषित कर दिए हैं। वर्ष 2015 के लिए कन्याकुमारी...

भारत में लांच हुआ हॉनर 10 लाइट

स्मार्टफोन निर्माता कंपनी हुवावे ने सपने सब ब्रांड हॉनर के अंतर्गत नया स्मार्टफोन हॉनर 10 लाइट भारत में लांच कर दिया है। यह स्मार्टफोन...

भंवर में फंस गया हूँ प्रभु- प्रभात कुमार

भंवर में फंस गया हूँ प्रभु, निकलने का तू अब ज्ञान दे। समर में अटकी जान है, तू ही अब कोई भान दे। अमर मैं क्या हो सकूँगा, कोई...

वो गुम रहे- श्वेता सिन्हा

वो गुम रहे अपने ही ख़्यालों की धूल में करते रहे तलाश जिन्हें फूल-फूल में गीली हवा की लम्स ने सिहरा दिया बदन यादों ने उनकी छू...

दिल हमने अक्सर यूँ बहला कर देखा है- पुष्प प्रेम

अपने ही जख्मों को सहला कर देखा है दिल हमने अक्सर यूं बहला कर देखा है बीते वक्त के निशान छुपाने की खातिर जिस्म को भी अपने...

दोहे- विश्वास वर्धन गुप्त

सूरज धनु को छोड़ के, मकरी करें प्रवेश। जनमन के उत्साह का, दिखता नव परिवेश।। पच्चीस दिनी धनु रहें, पन्द्रह मकर समान। चिल्ला जाड़े के यहाँ, दिन...

सिर्फ प्रेम पहुँचाऊंगी मैं- अंकिता कुलश्रेष्ठ

दुर्गम जीवन पाषाणी जन नीरव कानन नीड़ तुम्हारा यहां मधुर फूलों सा सुरभित सजा हुआ संसार हमारा आएंगे भी अश्रु अगर तो सब से उन्हें छिपाउंगी मैं, प्राण।मलय के हाथों...

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