Tuesday, October 22, 2024

Daily Archives: Feb 21, 2020

एक चेहरा गुलाब के जैसा- नवरंग भारती

नर्म-ओ-नाजुक शबनमी रुख़सार एक चेहरा गुलाब के जैसा, झील में हो कंवल खिला जैसे जैसे दिलकश बाहर की रंगत, जिससे चैनो-क़रार मिलता है, जिससे अरमाँ के फूल खिलते हैं जिससे...

विसर्जन की पात्र- पूनम शर्मा

मैंने देखी है तुम्हारी नज़रें मुझमें विश्वास ढूंढने लगी हैं भगवान बनाने लगी हैं एक मूरत को जानते हो मूर्तिकार, मूर्ति बनाता है सुंदर अतिसुन्दर, पर पुजारी ही पत्थर की उस...

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