Tuesday, October 22, 2024

Daily Archives: Feb 23, 2020

आज के साहित्य को पढ़ने में बौद्धिक संतुष्टि नहीं मिलती- कथाकार-कवयित्री विनीता राहुरीकर से राजीव कुमार झा की बातचीत

प्रश्न- लेखन की शुरुवात कब से हुई? विनीता राहुरीकर- तारीख तो याद नहीं कि कब पहली रचना लिखी लेकिन इतना याद है कि तब माँ-पिताजी...

अब मेरे दिल को- रकमिश सुल्तानपुरी

अब मेरे दिल को गुलज़ार सही रहने दो जब तुमको प्यार है तो प्यार सही रहने दो आओ क़रीब ज़रा बाहों में, क्या रख्खा दुनिया में, छोड़ो,...

इंतज़ार- पूनम शर्मा

मैं क्यों तुम्हारा इंतज़ार करूँ? मेरा साथी तो मेरा पदचाप है जो कभी मुझे अकेला नहीं छोड़ता और तुम भी तो एकाकार हो जाते हो मेरा पीछा करते करते ताकि ढूंढ सको मुझे कि मैं कहाँ-कहाँ भटक रही हूँ तुम कब से तलाश...

मधुमयी चाँदनी- डॉ उमेश कुमार राठी

शोखियों में घुली मधुमयी चाँदनी प्रीत पाकर छिड़ी सुरमयी रागिनी खनखनाती रहीं चूड़ियाँ रात भर प्यार की हर अदा हो गयी जामुनी रात रानी महकने लगी आजकल दीप दिल...

मेरी ही रहना तुम- मनोज कुमार

चल रही है ये हवा या तुम मचल रही हो बिजलियों की कौंध है या तुम मन में गरज़ रही हो चाहती हो बरसना मुझ पर या मन ही...

यह चेहरा- राजीव कुमार झा

यह चेहरा कितना जाना पहचाना रोज आईने में इसी भाव को लेकर आना सबके मन का सच्चा भाव किसी का धन बन जाता किसी विरह का गीत सदा वह चुपचुप आकर...

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