Tuesday, October 22, 2024

Daily Archives: Feb 28, 2020

आईआरसीटीसी ने किया आगाह, इन बातों का रखें ध्यान, नहीं तो हो सकती है धोखाधड़ी

आईआरसीटीसी ने अपने यूज़र्स से कहा है कि वे अपने निजी विवरण जैसे मोबाइल नंबर आदि सोशल मीडिया के ओपन प्लेटफॉर्म पर साझा न...

तितली- वाज़दा खान

नाजुक पंखों में जमारंग और बेचैनियांलिये तितलीउड़ जाती है आकाश में आकाश की नमीऔर नीलेपन से, हिस्साबंटाने कोमिला देती है अपने पंखोंके तमाम रंगों में...

सच- मीरा सिंह मीरा

इंसान जब कभी भीड़ की शगल इख्तियार किया है आगजनी हिंसा लूटपाट किया है भीड़ की कोई पहचान नहीं होती भीड़ में कोई इंसान नहीं होता भीड़ न कुछ सुनता है नहीं कुछ समझता है इसीलिए कहती...

जिंदगी की राहों में- डॉ रुपाली दळवी

जिंदगी की राहों में जिंदगी की राहों में अनगिनत फूल हैं कुछ खुशी के, कुछ गम के कुछ हँसी के, कुछ दर्द के जिंदगी के राहों में खट्टी-मिठ्ठी यादे...

जुस्तज़ू में तेरी- सुमन ढींगरा दुग्गल

हैं लज़्ज़त-ए-हयात तो कुछ तल्ख़ियाँ भी हैं हँसने के साथ-साथ यहाँ सिसकियाँ भी हैं कहते हैं लोग तुझको गुल-ए-बदनसीब भी सुनती हूँ जुस्तज़ू में तेरी तितलियाँ भी...

जीस्त- डॉ कुसुम चौधरी

हाल अपना सुनाने लगी ज़िन्दगी इक़ ग़ज़ल गुनगुनाने लगी ज़िन्दगी जबसे ख़्वाबों में मेरे वो आने लगे ख़ुद-ब-ख़ुद मुस्कराने लगी ज़िन्दगी याद दिल से तुम्हारी निकलती नहीं पास तुमको बुलाने लगी ज़िन्दगी जबसे वादा किया मैंने तुमसे...

इतने दिनों के बाद- राजीव कुमार झा

इतने दिनों के बाद आज तुम घर पर आये अब फैली है मुस्कान कितने इंतजार के बाद खिले दरवाजे पर फूल महक उठे आँगन में आकर कल होली खेलेंगे हम सब उसी...

ख़ुमारियाँ वो प्यार की- रकमिश सुल्तानपुरी

कुढ़ी हुई है सभ्यता कमी रही विचार की चली हुकूमतें यहाँ तभी तो दाग़दार की सदा डरी है सत्यता बुरा बड़ा बना रहा बुराइयों में दब गईं वो कोशिशें हज़ार की बेरोक टोक चल रही तमाम जालसाजियां आवाज़ दब रही यहाँ ग़रीब के पुकार की यूँ काग़ज़ी धरा धरी शिकायतें निपट गयीं अदालतें ही खा गयीं गुहार कामगार की निभी न दोस्ती कभी हवस-हवस...

इश्क़- मनोज कुमार

है इश्क़ कि वो कुछ कह न सका बिन बोले ही इश्क़ कह सब गया वो नजरें उठाकर देख न पाए पल भर बिना नजरों से वो...

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