Daily Archives: Feb 29, 2020
प्रधानमंत्री ने किया बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का शिलान्यास, पूरे देश में 10,000 किसान उत्पादक संगठनों का किया शुभारंभ
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चित्रकूट में 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे की आधारशिला रखी। यह एक्सप्रेस-वे फरवरी 2018 में घोषित उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक...
सरकार की जिम्मेदारी है कि हर व्यक्ति लाभान्वित हो और सबको न्याय मिले- प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अब तक के सबसे बड़े सामाजिक अधिकार शिविर मेगा वितरण शिविर में लगभग 27,000 वरिष्ठ...
केंद्र सरकार करने वाली है लाखों पदों पर भर्ती, मार्च 2021 तक भरे जाएंगे खाली पद
कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष ब्रजराज शर्मा ने पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु...
चाय- अलका प्रमोद
हमारे तुम्हारे बीच रखी यह चाय
बस चाय नही है
चाय से उठती भाप
छिपा लेती हैं
शिकायत हमारी तुम्हारी
चाय की गर्मी
पिघला देती है
जमी बर्फ रिश्तों पर सारी
क्योंकि
हमारे...
मेरा बचपन- अनिता कुमारी
ऐ मेरे बचपन, क्यूं चला गया तू,
मुझे यूं बिलखता छोड़।
तुझसे ही तो बंधी थी, मेरी माँ के
आंचल की डोर।
छिपकर जिसमें पीती मैं अमृत,
खेलती...
शाम के साये में- राजीव कुमार झा
शाम के साये में
तुम सिमट जाओगी
सुबह का पुलकित मन
अब किसके तन का सुवास है
कमर भर पानी की हिलोरों में
डूबती उतराती तट के पार
घर चली...
मधुमास- आनंद सिंह चौहान
सुमधुर है मधुमास, पल्लवित है बगियाँ
आया है फूलों का मौसम हर्षित हैं सखियां
हिलोरें लेने लगा है कवियों की कल्पना का सागर
अल्हड़ चलने लगी है...
कौन मिलता है यहाँ- शुचि भवि
ये सफ़र ज़ीस्त का आसान बनाने वाला
कौन मिलता है यहाँ रिश्ते निभाने वाला
है सदाकत की डगर का वो अगर राही तो
हो नहीं सकता कोई...
इश्क नहीं करना था- रचना शास्त्री
सुनो!
तुम्हें पता है
जब मैंने तुम्हें देखना चाहा
तो तुम फूलों में खिल गये
जब चाहा कि महसूस करूँ
तो घुल गये साँसों में खुशबू बन
जब चाहा कि...
तुम जिंदा रहना- हेमचंद्र सकलानी
कलम
जीवन भर तुमने
हर सुख दुख में मेरा
साथ निभाया है
मैं रोया तुमने
कागज पर
आँसू छलकाए हैं
मैं जब जब मुस्कराया
तुमने कागज पर
ढेरों रंग बिखराये हैं।
अक्सर सोचा करता...
उसकी खुश्बू से- मनोज कुमार
वो मोहब्बत को रोती रही रात भर
मेरा इश्क़ लम्हो से गुजर गया
उठनी थी मेरी डोली आख़िरी
सारा रास्ता वो फूलों से भर गया
मैं पनाह के...
ग़म की खरीदारी- रकमिश सुल्तानपुरी
अभी रौनक़ है अभी खुशबू है अभी तो खुमारी है
मग़र मालूम है ऐ दोस्त! ये ग़म की खरीदारी है
बन्दिशों में कब रुका नासूर बन...