Tuesday, October 22, 2024

Daily Archives: Mar 5, 2020

एक औरत- राजश्री

एक औरत… जब अपमान, तिरस्कार सहते सहते क्षुब्ध हो जाती है, बटोर कर अपने सभी टुकड़े पलायन करना चाहती है तो.. फेरों की, कर्त्तव्यों की हथकड़ियां ममता की बेड़ियां जकड़ लेती...

माँ- शशांक रावत

जीवन में छाए तिमिर को, प्रकाशमान कर जाती है हाँ यह सच है, माँ जादू कर जाती है बचपन मे नींद न आने पर, लोरी खूब सुनाती थी अपने...

धरा- वीरेन्द्र तोमर

हुई लुप्त धरा है पेड़ों से, मानव ये गलती कर बैठा विनाश कर दिया जंगल का सृष्टि का अमंगल कर बैठा काट डाले हरे पेड़ गायब कर डाली हारियाली अब...

हौसलों के पंख- रकमिश सुल्तानपुरी

महान आदमी बने महत्व मान शान हो मिले सहायता सदा व रोग का निदान हो सधा हुआ हो रास्ता नवीनता बनी रहे प्रयासरत रहें सदा लक्ष्य तक...

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