Tuesday, October 22, 2024

Daily Archives: Mar 6, 2020

ये कैसी रिश्तेदारी- आशा दिनकर

स्वार्थ के हो रहे रिश्ते हो रही रिश्तेदारी घर-घर बेघर भटके, सच्ची ईमानदारी काम हो अगर तुमसे, मीठा ही बोलेंगे बिना काम जुबान हो जाए तेज कटारी भला...

अकेला मन- राजीव कुमार

यह आकाश है रात का आकाश रंगबिरंगी रोशनी से भरा कितना खामोश हो गया थोड़ी देर पहले तुमने पुकारा शाम ने अपना घुँघट हटाया चाँद बादल को पास बुलाता है इस...

जाने से पहले- किरण सिंह

जाना तो है ही कभी न कभी हमें भी किसी दिन इसलिये तो जी चाहता है कुछ कह लें कुछ सुन लें जाने से पहले ये रिश्तों की दूरी तय कर करलें पूरी और मिलकर बताएँ अपनी...

धूप से बड़ी भूख- डॉ मीरा रामनिवास

जेठ की दुपहरी है, सूरज उगल रहा है आग, हवाओं ने भी बदला है अपना मिजाज। पंछी पेड़ों में छुप गये हैं, मानव घरों में घुस गए हैं। रामू मोची, इस...

विश्वास हूँ मैं कोई वहम नहीं- डॉ वर्षा चौबे

विश्वास हूँ मैं, वहम नहीं तुम तोड़ न पाओगे। जांच परख लो तौल कसौटी खरा ही पाओगे। धीरज में जो टूट गई हो मैं वो डोर नहीं हूँ। डरकर हारे...

हारना नहीं, है संघर्ष करना- जयश्री पुरवार

मानवता को शर्मसार करने वाली घटना घटित होती रहेगी बढ़ती जाएगी नर पिशाचों की नृशंसता फिर से निकाल लिया जाएगा एक धिक्कार जलूस या फिर दिन ढले निकल पड़ेंगे लोग...

मेरी नजर में धर्म- राजश्री

मेरी नजर में क्या है धर्म? किसी ने मुझसे बोला मैंने भी... खुद को टटेला पूजा? पाठ? खड़ताल बजाना? नहीं… मेरा मन बोला तो फिर… कुछ समझ न आया मैं तो बस इतना जानती हूँ मैं एक...

हम त बड़े बीर हैं भारी- प्रशांत प्रसून

एक दिना हम जात रहे अपने घर से ससुरारी रस्ते में हमके भेटाइ गयीं दुइ दुइ दुइ ठे नारी हम तो बड़े बीर हैं भारी हम...

धोखा- डॉ अरुण कुमार

टूटता विश्वास बिखरते रिश्ते एकाकीपन नि:शब्द करती आवाजें खोखला बना देती हैं इंसान को भीतर से रह रह कर -डॉ अरुण कुमार निषाद सुल्तानपुर (उत्तर प्रदेश)

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