Tuesday, October 22, 2024

Daily Archives: Mar 8, 2020

फूलों की घाटी की सैर- डॉ मीरा रामनिवास

मुझे ट्रैकिंग और यात्रा प्रवास करने का बड़ा ही शौक है और इसे पूरा करने के लिए यदा यदा निकल पड़ती हूँ, प्राकृतिक सौन्दर्य...

आगाज़- संजू वर्मा

(ब्रह्मलोक में ब्रह्मा जी ध्यान मग्न बैठे हैं ।तभी एक दूत का प्रवेश होता है ।) दूत- 'महाराज मादा जीवात्माओं ने स्ट्राइक कर दिया है।' ब्रह्मा-...

औरत- रंजिता सिंह

औरत तब तक चाँद होती है जब तक वो प्रेयसी हो, प्रेमिका हो पत्नी होते ही हो जाती है ड्राईंग रूम कीमती फानूस एन्टीक लैम्प या फिर बैडरूम की मद्धिम नीली रोशनी -रंजिता सिंह...

जो हैं मेरी साँसों में- सीमा विजयवर्गीय

नए आशियाने बनाने चले हैं वो खंडहर पुराने ढहाने चले हैं जो हैं मेरी साँसों में, रग-रग में शामिल वो ही आज मुझको भुलाने चले हैं अभी सीख...

कुछ तो चाहत रहने दे- डॉ भावना

कुछ तो चाहत रहने दे मुझपर तोहमत रहने दे अपनी तबीयत कह दे बस मेरी तबीयत रहने दे कितना खुद को बदलूँ मैं कुछ तो आदत रहने दे ख़ौफ़ खुदा...

आज़ाद ख़याल को सज़ा-ए-मौत- नरेश शांडिल्य

तुमने दी आज़ाद ख़याल को सज़ा-ए-मौत और डाल दिया उसे सींखचों के पीछे एक दिन... तुमने सोचा जेल में पड़े-पड़े अब तक वो हो चुका होगा पागल नोंचता रहता होगा अपने...

दोहे- आशा दिनकर

कली-कली अब खिल उठी, बहने लगी बयार मन सबके मचलन लगे, फगुना गई बहार अंग-अंग में जोश से, तरंग उठें हजार गीत मधुर सब लग रहे, मन...

मेरे मन की बगिया में- शुचिता श्रीवास्तव

मेरे मन की बगिया में जब तुम्हारी यादो के फूल खिलते है क्यों तब पंछी सी कल्पनाये उड़ जाती है अनंत आकाश में क्यों मृगशावक सी तुम्हारी नजरे घेर...

नेता गिरा रे, सड़क जाम के बाजार में- नवेन्दु उन्मेष

शहर में एक बड़े नेता का आगमन होने वाला था। पुलिस वाले लोगों को सूंघ-सूंघ कर रास्ते में जाने दे रहे थे। चौक-चौराहे पर...

कोलाहल- हरेश कानानी

बच्चे नदी के किनारे बालू का घर बनाते हैं डूबता सूरज दो चार पल खिल उठता है आज की रात काटने के लिए एक घर तो मिल गया... 🔹 🔸 🔹 लगातार मन...

कौन-सा रंग- प्रीति शर्मा

कान्हा, तुम्हें कौन-सा रंग लगाऊं सूरज की, लाली को हाथों में भर, गालों को भर जाऊं कान्हा, तुम्हें कौन-सा रंग लगाऊं या फिर काले-काले बादल को, आँखों में भर जाऊं कान्हा, तुम्हें कौन-सा रंग लगाऊं सात रंग...

नमस्कार का चमत्कार- निशा नंदिनी

कोरोना वायरस आया है हमें सीख देने अपनी सभ्यता संस्कृति की याद दिलाने पांच अंगुलियों में बसते हैं हमारे पांच तत्व, दो कर जोड़ नमस्कार की मुद्रा से पंच तत्वों...

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