Tuesday, October 22, 2024

Daily Archives: Mar 25, 2020

शुभ नववर्ष- पूनम शर्मा

जब जब राक्षसों का पृथ्वी पर आगमन होता है, उपद्रव बढ़ने लगता है, तब तब माँ भद्रकाली रौद्र रूप में अवतरित होती है अरे ओ रक्तबीज! तूने अपना रूप बदला है, आचरण...

मेरे सपनों का तुम- जयलाल कलेत

बेटा हर रिश्तों का ख्याल रखना, दिये हुए संस्कारों का ध्यान रखना, जीवन के पथ में बाधाएं आती है, हर बाधाएं कुछ न कुछ सिखाती है, विचलित न...

कोरोना से जंग जारी- अनामिका वैश्य

हर तरफ़ फ़ैली बीमारी है कोरोना इक महामारी है रात दिन सेवा करें डॉक्टर कोरोना से जंग जारी है त्राहि त्राहि करे जन-जन पीर की हाहाकारी है निर्देश माने रहें...

चूमकर लबों से- शैली अग्रवाल

कुछ अरमान अभी बाकी है, आँखों में बंद ख्वाब, खोलना अभी बाकी है संग मेरे दफ़्न न हो जाए, तमन्नाओं की कलम, मेरी अधूरी कहानी का, लिखना अभी बाकी है 🔹🔸🔹 गुलाब...

आसमां- शिवम मिश्रा

उस दिन शहर सो रहा था, चांद के साथ सिर्फ़ हम दोनों जाग रहे थे खुले आसमां को छत बनाए हम एक दूसरे से बाते कर रहे...

कहर कोरोना का- सीमा चोपड़ा

मानव का ही दुश्मन मानव, रूप बदल कर बना है दानव, दुरुपयोग कर तकनीक विज्ञान की, चहुँओर है मौत का तांडव, आगमन हुआ है परदेस से देस में, हत्यारों...

कामयाबी- डॉ संयोगिता सिंह

रोने से तकदीर बदलती नहीं है वक्त से पहले रात ढलती नहीं है, दूसरों की कामयाबी लगती है आसान कामयाबी रास्ते में पड़ी मिलती नहीं है, अगर जिसके...

हम तुम एक कमरे में बंद हों और चाबी खो जाये- नवेन्दु उन्मेष

बॉबी फिल्म का एक गीत है ‘हम तुम एक कमरे में बंद हों और चाबी खो जाये, अंदर से न कोई बाहर जा सके...

कोरोना ने हाय राम, बड़ा दुख दीनो- राजकुमार धर द्विवेदी

भोलेनाथ मंद-मंद मुस्करा रहे थे। चैत्र नवरात्रि की तैयारी में अति व्यस्त माता पार्वती का ध्यान अचानक महादेव की ओर गया। मां ने पूछा,...

प्रारब्ध प्रहार- रूपा रानी

मेघ घुमड़-घुमड़ मन में बार–बार झड़ी लगा बरसे जल-धार कैसे सहूँ काली घटा का भार प्रवाहित कर दूँ अश्रु हार ये कैसा प्रारब्ध प्रहार? शाख–पत्ते विदीर्ण विटप से जैसे अपूर्ण...

मचा विश्व में हाहाकार- स्नेहलता नीर

कोरोना ने पाँव पसारे, मचा विश्व में हाहाकार। ढाता कहर निडर बन कर यूँ, मची हुई है चीख पुकार। चीन देश वूहान शहर की, कोविड-उन्निस है...

दोहे- शुचि भवि

कोरोना का भय नहीं, होगा उसको आज। स्वयं रहेगा स्वच्छ जो, रक्खे स्वच्छ समाज।। कोरोना चाहे यही, भीड़ करें मत आप। अपने ही घर में रहें, और...

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