Monthly Archives: March, 2020
रूप का जादू- राजीव कुमार
तुम मुग्ध हो किस भाव में
यह रूप का जादू
किसको दिखाया पास आकर
आज सूरज झांकता
जिस पहर में दोपहर को
तुम मुसकुराती राह में
बारिश में
संध्या का मन...
इश्क़ वालों को- रकमिश सुल्तानपुरी
इश्क़ वालों को मिला है ये फ़ना होने का हक़
यूँ सभी को तो नहीं है बेवफ़ा होने का हक़
प्यार कर फिर बेवफ़ा होने की...
अब मेरी माँ नहीं होती- मनोज कुमार
रोज निकलता हूँ जिंदगी को मिट्टी से मिलाने में
खुशियां छोड़ अपनी सबकी तलासने में
लौट आता हूँ तमस की बांह खुलने पर
पसीने में तर बतर...
नदी- वीरेन्द्र तोमर
नदी, सागर से रूठ गयी
बोली तू तो स्वार्थी है
देश से पानी ढ़ो-ढ़ो कर
मैं तेरा आँचल भरती हूँ
कब मेरा कर्ज ऊतारेगा
बस इतनी आशा करती हूँ
मैं...
आईना देखकर- डॉ उमेश कुमार राठी
इस कदर मुस्करा आईना देखकर
आईना खिल उठे आशना देखकर
ख्याल आया मुझे ए मिरी जिंदगी
देख मत मुस्करा-मुस्करा देखकर
नूर की बूँद में भी चहकती फिज़ा
आब-ए-आयना आसमाँ...