Monthly Archives: March, 2020
मैं जानता हूँ-अमित कुमार मल्ल
मैं जानता हूँ
जून की दोपहरी में
बहती लू में
कलियाँ नहीं मुस्कराती
जानता हूँ मैं
भागते भागते
थक कर जिस दीवार पर टेक ली
उसी के खंजरों ने
छुरा घोंपा था
लिपटते...
दो कवितायें- शिप्रा खरे शुक्ला
महक
कुछ कम है..
चाँदनी आज
सूरज भी
धुंधला था सुबह
सितारों की चमक भी
फीकी पड़ी है
फिर भी...
महक और कसक
दबाये नहीं दबती
तो रजनीगंधा जम के महकेंगे
और हरसिंगार
झरेंगे रात भर
तुम्हारे...
मुखौटा न हो- जसवीर त्यागी
लोगों के पास
कई-कई चेहरे थे
चेहरों को और अधिक
आकर्षक और मोहक बनाने के लिए
वे करते रहते थे अनंत जतन
चेहरे ऐसे जिन्हें निहारकर
दूसरे चेहरे वाले हो...
जीवन–मरण- रूपा रानी
जीते हैं, मरते हैं
जीते जी मर जाते हैं
जी–जी कर मर जाते हैं
मरते-मरते जी जाते हैं
जीने–मरने की प्रतिस्पर्धा में
कितने ही जी–मर जाते हैं
जीने की चाहत...
चैत्र नवरात्रि चतुर्थी- माँ कूष्मांडा की कृपा से दूर होते हैं रोग
चैत्र नवरात्रि की चतुर्थी के दिन माँ कूष्मांडा की आराधना की जाती है। इनकी उपासना से सिद्धि व निधि प्राप्त कर समस्त रोग-शोक दूर...
लुप्तप्राय- भावना सक्सैना
बस कुछ ही बरसों बाद
याद की जाएगी
औरतों की वो जमात
जो सुबह से शाम
कर देती थीं
बिना कुछ करे...
जो नौकरी नहीं करती थीं
लेकिन मुँह अँधेरे
आँगन बुहारती...
सत्य- रजनी शाह
हर बार खुद को
इन्सानों के बीच
असुरक्षित ही पाया है
थोड़े से ही विश्वास को
हर बार टूटता पाया है
यूं तो आदत सी बन गई है
प्यार करने...
सोचो क्या है ज़िन्दगी- रूपा रानी
सोचो क्या हैं ज़िन्दगी
जब न रही ये ज़िन्दगी
आसान नहीं ये ज़िन्दगी
गर न जिये ये ज़िन्दगी
भगवान ने दी ये कमाल की किस्मत
हे मनुष्य! व्यर्थ इसे...
कोरोना- वीरेन्द्र तोमर
छुआ छूत की है बीमारी,
ये जाने दुनिया सारी
दूर दूर रहने से सारी
थम जाये बीमारी
कोरोना दुनिया पे भारी,
आई अब भारत की बारी
घर से बाहर मत...
अभी भी दुनिया में- जसवीर त्यागी
अभी भी फूलों से
आती है सुगन्ध
अभी भी संगीत पर
थिरकते हैं पांव
अपने नवजात शिशुओं को
घोसलों में अकेला छोड़
अभी भी चिड़िया
निकलती हैं चुगने दाना
परदेस गये लोगों...
सच-झूठ- शिप्रा खरे शुक्ला
सच के पाँव नही होते
राह की दरकार नहीं होती
ना ही पत्थरों का डर कोई
लेकिन होता है वजन जिसमे
और कर देता है हल्का हमे
क्योंकि सच...
ख्वाबों की सड़क- शाम्भवी मिश्रा
ख्वाबों की वो सड़क तब तक ही रोशन थी जब तक मेरा हाथ तुम्हारे हाथ में था... जैसे ही हाथ छूटे हम दोनों के,...