Daily Archives: Apr 7, 2020
पूज्य पिताजी- मनोज शाह
जेब खाली हो फिर भी कभी मना नहीं करते
मैंने अपने पापा से अमीर आज तक नहीं देखे
पिता एक उम्मीद है, एक आश है
परिवार की...
गाँव की औरतें- देव लाल गुर्जर
गाँव की औरतें
जब कर रही होती है
खेत पर धान की रोपाई
तो उनकी चूडियाँ
......रचती है
आषाढ़ के सुनहले गीत
गाँव की औरतें
जब गा रही होती है
लोक देवियों...
भगवान हो चले- तारांश
लबादा ओढ़कर इंसानियत का शैतान हो चले
इतने अंधे हुए खुदगर्ज़ी में कि बेईमान हो चले
नाश धरती का कर दिया तुम्हारे जीतने की चाह ने
क़हर...
स्वयं से मिलने की यात्रा- दीपक सिंह
स्वयं से मिलने की यात्रा
मुक्ति की यात्रा है!
मैं मुक्त होना चाहता हूं
किन्तु
तुम्हें भूलना नहीं चाहता!
याद है तुम्हें..?
तुम मुझे यात्री कहकर
पुकारती थी
मैं जानता हूं अब...
कोरोना- अमरेन्द्र
कोरोना पड़ सकता है तुमको रोना,
यह भारतवर्ष की भूमि है,
यहां अनगिनत वीर भरे,
भारतवर्ष की ओर न देखो,
पकड़ लो जल्दी कोई दूसरा कोना,
कोरोना पड़ सकता...
ये वायरस है साहब- वाजिद नागौरी
न हिन्दू देखता है न मुसलमान देखता है
ये वायरस है साहब सिर्फ इंसान देखता है
न मंदिर देखता है न मस्जिद देखता है
आने के लिए...
कहर कोरोना का- दीपक क्रांति
ये करुण-क्रंदन ये कहर कोरोना का
किसने फैलाया ऐसा ज़हर कोरोना का
कैद में बीत रहे दिन, पल-पल प्रलय सा लगे,
कब तक चलेगा ये मौत का...
जड़ें उग आती हैं- भावना सक्सेना
आदमी की
जड़ें उग आती हैं घरों में...
उसे नहीं चाहिए
जानकारी देश दुनिया की
उसकी बादशाहत से बाहर
ताज़-ओ-तख़्त
सभी बेमानी हैं!
वह हरदम सोचता है
दीवारों पर चढ़ रही सीलन...