Daily Archives: Apr 9, 2020
एक आदमी के लिए- जसवीर त्यागी
एक कर्मठ स्त्री
मालिक का घर सजाती-संवारती है
एक सांवला लड़का
हुज़ूर की मोटर-कार
साफ करता है रगड़-रगड़कर
तेरह-चौदह साल की
दुबली पतली-सी एक लड़की
साहब के बच्चों की करती है...
अतीत के पन्नों से- डॉ उमेश कुमार राठी
जब भी आयी याद तुम्हारी
हम तस्वीर निहार लिये
सूनी सेज बिछी रहने दी
एकल रैन गुज़ार लिये
सुधियों की चौखट पर बाँधी
हमने वंदनवार अभी
खुशियों के इस वृंदावन...
सूरज सच का- रकमिश सुल्तानपुरी
सूरज सच का कब यार ढला?
कब जीता जग में झूठ भला?
ये द्वंद्व विषमता छोड़ सखे
कर ले सच से गठजोड़ सखे
सुख दुर्लभ है पर लुप्त...
वो मेरे साथ जब- अलका जैन
वो मेरे साथ जब से चल रहा है
सफ़र महका हुआ पल-पल रहा है
हर इक शै पूछती है तुम कहाँ हो,
मैं तन्हा हूँ ये सबको...
एक पेड़ की हत्या- विनीता राहुरीकर
ध्वस्त हो जाता है
एक घौंसला
तिनका-तिनका बना था
तिनकों में ही बिखर जाता है
उसके साथ ही
बिखर जाती है
कुछ नन्हे प्राणों की आस
टूट जाते हैं ममत्व से...