Daily Archives: Apr 13, 2020
पलाश- भारद्वाज दिलीप
रातें जानती हैं
ख़्याल करती
जागती रही
करती बातें
फिजाँ से
जाते जाते उजाले की ओर
कहती बस यही
'मैं तुम्हें देखता रहूँ सदा यूँ ही'
कुछ पलों बाद
सूरज ने दस्तक दे
अंधेरों...
तेरी बातों का जादू- राजन कुमार झा
ये तेरी सौंधी सी खुशबू
या तेरी बातों का जादू
ये तेरी पैरों की पायल
या तेरी आँखो का काजल
एक मुझे पाने का ख्याल
ये तेरे उलझे सवाल
सामने...
नज़्म- गुफरान बहराईची
गमे फिराक में आंसू बहा रहा हूँ मैं
जो मुझ पे बीत रही है सुना रहा हूँ मैं
अजीब ज़िन्दगी अपनी बिता रहा हूँ मैं
वतन से...
सुनो- शब्दिता शब्दमृणाल
सुनो
कभी नदियों को मुड़ते देखा है
पहाड़ों को ऊतरते देखा है
सूर्य की रौशनी से हिमालय पिघलते देखा है
हवाओं को पता पूछते देखा है
नहीं ना
अब मुझको
बनना...
रात पायल- सुरेंद्र सैनी
रात की पायल छन-छन
स्वरों की घंटी टन-टन
यहाँ नहीं तुम सायों में,
तन्हा तुम बिन तड़पन-तड़पन
रूठ गए जो किसी बात पर,
दो नयनों की अनबन-अनबन
कैसे मनायें, चले...
क्षणिकाएं- भुवनेश्वर चौरसिया
दुआ
यदि क्रोध में
खा लिया जहर तो
ढ़हे न कहर
उतरे न कंठ से
कोई मीठा जहर
खा भी लिए
तो जीवन
सलामत रहे
अभिशाप
मृत्यु वरदान या
अभिशाप
वो आया और
इस प्रश्न पर
आकर ठहर...
मैं चिंतित हूं- जयलाल कलेत
मैं चिंतित हूं, मैं भयभीत हूं,
मैं मिलने को उनसे आतूर हूं,
ये कैसा लक्ष्मण रेखा हैं,
अपनों से मिलने से वंचित हूं
जन जीवन में दहशत देख,
विरान...
आलोचना- अनिल कुमार मिश्र
सुनो आलोचना!
तुम मुझे बहुत प्रिय हो
पर जब भी तुम
दूसरों के हृदय से निकलकर
मेरे कर्ण-पटल पर चोट करती हो ना
मैं सहज भाव से
तुम्हें अंतस्थल में
विश्राम...
प्रेम की दिवानी- राम सेवक वर्मा
क्यों जागती हो रात भर,
मेरे प्रेम की दिवानी
क्यों गूंजती है स्वप्न में,
मेरे इश्क की कहानी
मैं सोचता हूँ साथ में,
उस रात तक जिऊंगा
प्यार के सब...
आभार- सुजाता प्रसाद
दौड़ती-भागती जिंदगी ने कहा
तुमने बहुत दौड़ाया मुझे
अब तुम थोड़ा विश्राम करो
दिए थे जो ज़ख़्म कई
उन पर मलहम कई बार मलो
जिंदगी का सफर ही ठहरा...
मित्रता- वीरेन्द्र तोमर
दोऊ जन्मे साथ में,
हुई दोस्ती भारी
कदरी-बदरी के भेद को,
जाने हम सब भाई
कांटे बिहीन बदरी जमी,
पर कदरी कोमल होय,
साथ बदरी जब बाढी,
रंग दिया दिखाई
कदरी सोचे...
हम हक अदा करेंगे- जसवीर त्यागी
नहीं हम कहीं नहीं जायेंगे
कुछ भी तब्दील नहीं होगा
हम विरोध करने वालों का
ईमानदारी से मुकाबला करेंगे
हम अपने ही हाथों से
मेहनत-मजूरी कर
पैदा करेंगे रोटी
और बनायेंगे...