Tuesday, October 22, 2024

Daily Archives: Apr 14, 2020

मेरे साथ- रूची शाही

मेरे साथ कहाँ, अब तू दूर तलक जाएगा दो कदम चलके तेरा हौसला थक जाएगा जिसे काजल की तरह बसाया आँखों में थी खबर कब, वो आँखों...

जीना ही है जो- ज्योति अग्निहोत्री

जीना ही है जो, तो तू आग बन के जी खुद को मार के, तू न यूँ ख़ाक बन के जी देख के भी अन्याय, न तू यूँ, होठ सी...

कला साधना- ललित सिंह

मेरी थियेटर की कक्षाओं में हमेशा बताया जाता है अपनी कला को साधने के लिए जरूरी है अपनी सांस को साधना, जब मुझसे पूछा गया मेरी सांस के...

आज अरसों बाद- शैली अग्रवाल

आज अरसों बाद कोयल कुहू-कुहू बोलने लगी कानों में मीठा रस घोल मुझसे कुछ कहने लगी आज तू इंसान अंदर, मैं बाहर रहने लगी कल जो मेरे...

हँसते हुये उसने पूछा- अनामिका वैश्य

हँसते हुए उसने पूछा कहो इरादा क्या है तेरा सदियाँ साथ बितानी हैं या कुछ पल रैन बसेरा सीने में ग़म छुपाकर नैनो से ताका झांकी...

वीरान शहर- सिंधु मिश्रा

देखती हूँ जिधर, शहर आज वीरान है गाँव हैं, पगडंडियां हैं, खेत है, खलिहान हैं, भटकती आत्माओं जैसा आज प्रतीत होता है, ना कोई यहां हँसता और ना कोई रोता है, लंबी...

देश हित के लिए अनुसरण आवश्यक- निधि भार्गव

बात जब अपनी और देश की बेहतरी की हो तो अनुकरण करना आवश्यक हो जाता है। लॉकडाउन की अवधि बढ़ने से हताश होने की...

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