Tuesday, October 22, 2024

Daily Archives: Apr 25, 2020

समंदर में ठहरी हो- सुरेंद्र सैनी

तेरी मोहब्बत सागर से गहरी हो जो आकर समंदर में ठहरी हो गवाही देंगे मौसम, पेड़, हवायें, पत्ते, ये कायनात तेरे इश्क़ की टहरी हो उगता सूरज,आते बादल,चलती...

दिल के किसी कोने में- शिवम मिश्रा

दिल के किसी कोने में तुम्हारी यादें आज भी अनायास ही बसी हुई है उसे फ़िक्र है आज भी तुम्हारी उतनी जितनी होती थी तब जब होते...

नन्हे राजकुमार- आलोक कौशिक

मेरे नन्हे से राजकुमार करता हूं मैं तुमसे प्यार जब भी देखूं मैं तुझको ऐसा लगता है मुझको था मैं अब तक बेचारा और क़िस्मत का मारा आने से तेरे...

जीवन एक संघर्ष- डॉ एस. शेख

मां के पेट से बाहर आना, नये मौसम नई दुनिया में रहना, अलग अलग रोगों से लड़ना, नन्हे पैरों पर खड़ा होना, खड़ा हो कर फिर निचे गिरना, निचे...

मिडिल क्लास- जयलाल कलेत

मुझे अमीर न समझो, एक एक ईंट का कर्ज बाकी है। बिल्डिंग बना तो लिया हूं, पर लोन की किस्त अभी बाकी है। दीवारों से अमीरी का आंकलन...

अणु- कमलेश

एक कणकण एक क्षणक्षण कह रही प्रतिपल सतह से क्रूर कितना हो गया ये भू प्रस्तर शौल अस्तर एक कण कण एक क्षण क्षण चीर कर वक्ष उत्पाद कर...

रोटी का आविष्कार- भुवनेश्वर चौरसिया

उसके मन में हमेशा खुराफातियों वाले प्रश्न सूझा करते। एक दिन ऐसे ही प्रश्न पूछते मुझसे उलझ गया। भैया मेरे मन में एक प्रश्न...

ज़िंदगी में कभी- बलजीत सिंह

दिल किसी का जला ख़ूब से ख़ूबतर और फ़ितना उठा ख़ूब से ख़ूबतर ज़िंदगी में कभी फिर नहीं आऊँगा आपका हो भला ख़ूब से ख़ूबतर बेक़सूरों की चीखों...

राब्ता- दुपिंदर गुजराल

तू अहसास है, रूह है इबादत है, बंदगी है प्यार है, ज़िंदगी है माँ है, हाँ तू माँ है तेरी जब याद आती है तो रूह काँप उठती...

अब मोरी रक्षा करौ त्रिपुरारी- वीरेन्द्र तोमर

रक्षा करौ त्रिपुरारी हल दुई चलें, भैंस घर लागे, घर ढीली सुन्दर नारी नौकरी की साज बाढी, पर मालिक मिला कुपठारी अब मोरी रक्षा करौ त्रिपुरारी माहामारी के चक्कर में, चाकरी...

बदलना होगा सिस्टम को अपना व्यवहार- अशोक जमनानी

कल माननीय प्रधानमंत्री जी ने देश के आत्मनिर्भर होने की बात की। यदि कोरोना संकट के बाद देश आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाता है...

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