Daily Archives: May 10, 2020
माँ- प्रीति कुमारी
खूब हँसाती है माँ,
हर पल साथ निभाती है माँ
जब भी ही जाए आँखें नम,
तब सीने से लगाती है माँ
धूप में छाया बन जाती है...
तीखा तीर
पंखुडियां बदरंग हो रही
लखै बीच दरार
खबरनबीस बक रहे
सुन लो हे सरकार
कीचड में पंकज खिलत है
कीचड रहा समाय
अस आलोचक कर रहे चर्चा
-वीरेन्द्र तोमर
ज़िन्दगी का सफ़र- डॉ भवानी प्रधान
ये सफ़र नहीं इतना आसान
रोजी रोटी के लिए छोड़ा था गाँव
साथ परिवार को लेकर
यूँ ही निकल पड़ा था
शहर की ओर
आकर देखा तो
इंसानियत कहीं खो...
पेड़ और नारी- अन्नपूर्णा देवांगन
पेड़ और नारी की प्रकृति एक सी ही है
फल देकर भी मोल चुकाना
पड़ता है हम दोनों को ही।
छोड़ जाते हैं सब एक एक करके
पेंड़...
माँ के बिना कुछ नहीं- दीपमाला पाण्डेय
माँ ही गंगा, माँ ही गीता मेरी माँ में बसी कुरान,
छू लेती हूं उनके चरणों को हो जाता है चारों धाम
मेरी माँ से मैंने...