Monthly Archives: May, 2020
दोस्ती- दीपा सिंह
दोस्ती जिंदगी जीने का दूसरा नाम है
क्या पता कल क्या हो
ऐ मेरे दोस्त तू सलामत रहना
मुझे भूल मत जाना
जो वक्त हमने साथ में गुजारें...
कोविद-19 का कहर- वीरेन्द्र प्रधान
एक के बाद एक अनेक
कोष्ठकों में बन्द गणितीय समस्या सा
बार-बार के लॉक डाउन में कैद है
तन और मन
समस्याओं का कुछ समाधान निकले
यदि टूटें कुछ...
तीखा तीर
एक दो, तीन अब चार
लठ्ठातंत्र की जय जय कार
वादों की लागी बौछार
गरीब लुटा बीच बजार
घर खातिर तरस रहा है
कोरोना से लड़ रहा है
-वीरेन्द्र तोमर
चक्रवाती तूफान में बदला अम्फन, कल ओडिशा की ओर बढ़ने की संभावना
भारत मौसम विज्ञान विभाग के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र द्वारा जारी जानकारी के अनुसार दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी और आस-पास के क्षेत्र में बना अत्यधिक कम...
पूरे देश में 31 मई तक बढ़ाई गई लॉकडाउन की अवधि, पढ़िए कहाँ रहेगा प्रतिबंध और कहां मिलेगी छूट
देश कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने पूरे देश में पूर्ण लॉकडाउन की अवधि 31 मई तक बढाते...
वंदन कोरोना योद्धा- डॉ शेख
ऐ भारत के वीरों,
ऐ धरती माँ के दिलेरों,
तुम ही हो असली हीरो,
तुम्हे सलाम तुम्हे सलाम तुम्हे सलाम
तुम निडर बड़े निराले हो,
हर जान के रखवाले...
मौत में जिन्दगी ढूंढ़ लो: रवि प्रकाश
अपने गमों में खुशी ढूंढ़ लो
हर जख्म में इक हँसी ढूंढ़ लो
नेमत समझ शौक से लो उसे
गर है कमी तो कमी ढूंढ़ लो
खुशबू रहे...
यादें: मनोज कुमार
तेरे शहर से मेरे घर तक,
कोई आता जाता रहता है,
तेरी गलियों से निकल कर,
रोज मेरी खिड़की तक आता है,
हवा के झोंके के साथ रोज,
बालकनी...
मौन के समक्ष: रक्षित राज
जब भी भाषा
मौन के समक्ष
बेबस हो
तो हमें अपने मौन को
चुम्बन में उड़ेल देना चाहिए
प्रेम का आरंभ सूर्योदय है
एवं अंत सूर्यास्त है
अतः प्रेम की दुपहरी...
बाढ़: पंकज कुमार
आते है बाढ़ बहुत सोच-समझकर,
संग ले कुछ मौन लफ्जो का बहार
छोड़ जाते है कुछ उर्वर मिट्टियों का उपहार,
लोगो का उजाड़ घर-संसार
तोड़ देते है वे...
तरक्क़ी: त्रिवेणी कुशवाहा
कचहरी के प्रांगण के अन्दर चहारदीवारी के कोनचट्टी में टीने के छपरा के नीचे बने चाय-पान, मिठाई के दुकान में लकड़ी के बेन्च पर...
लॉकडाउन, मज़दूर और साहब: सीमा कृष्णा
साहब,
आप जितनी दूरी हवाई-जहाज से तय करते हैं ना
आपकी लापरवाही से हमें उतनी ही दूरी पैदल तय करना है
इस तड़ताड़ाती धूप-घुमहरी में कंधे पर...