Tuesday, October 22, 2024

Monthly Archives: May, 2020

पत्थर होने तक- रकमिश सुल्तानपुरी

वक़्त कहाँ है ज़र होने तक मालिक के नौकर होने तक उम्र गवां देता है खुद की, एक घरौंदा घर होने तक साथ रहेगा तेरा मेरा, नदियों के सागर...

पेड़ लगाओ, धन कमाओ- वीरेन्द्र तोमर

हर घर से एक पेड़ लगाए ₹500 सरकार महीना से पाए पर तीन साल में मिले एक बार जब हो जाए पेड़ तैयार फूल और पत्ती जो पेड़...

तीखा तीर

आयुर्वेद को गले लगाओ हर घर में एक पेड़ लगाओ हरा भरा होगा संसार लकड़ी का होगा व्यापार ग्लोबल वार्मिंग का होगा नाश ऑक्सीजन होगा धरा के पास पेड़ एक...

कविता स्वयं एक कहानी है- सोनल ओमर

कविता स्वयं एक कहानी है, एक मीठी-मीठी सी वाणी है, कभी हमारी, कभी तुम्हारी, किसी की ज़िंदगानी है, कविता स्वयं एक कहानी है।। ये किसी के दिल का समंदर...

आँख का तारा- दीपमाला पाण्डेय

एक माँ के आँख का तारा हो तुमपापा का राजदुलारा हो तुममैंने जो मांगी थी मन्नतें हजारउस मन्नतों का सितारा हो तुमज़िंदगी हमारी खुशियों...

यह कौन-सा रिश्ता?- अंजना वर्मा

विभा के पति का निधन हाल में ही हुआ था और अभी तक वह अपने को सामान्य नहीं कर पायी थी। वह उदासी में...

मोहपाश- समीर शर्मा

अनुरक्ति बंध का मूल यह विरह व्यथा का शूल सद्बुद्धि का शील छिन शरीरांग शिथिल कर जाता अंतरतम अंशु पीकर यह वश की माया फैलाता भावों की अतिशयता से निर्गत अश्रु...

किताबें- आशा

हमारी किताबों मेंवखज़ाना ही खज़ाना है, यह एक ऐसा खज़ाना है, जो अमूल्य है हर पन्ने में भण्डार भरा है ज्ञान का, इन्हें ही पढ़कर हम डॉक्टर,...

न जाने क्यों- प्रभजोत कौर

न जाने क्यों दिल कह रहा है सनम तू धोखा खा रहा है इश्क इबादत है खुदा की तू यार को खुदा बना रहा है छूट गई दुनिया...

तीखा तीर

मोदी, माल्या और चौकसी पैसा ले हुए फरार देने वाले ही पूछ रहे हैं जवाब दे सरकार, बात निज 'मन' से पूछो साझेदारों को ढूंढो, -वीरेन्द्र तोमर

गरीब किसान- वीरेन्द्र तोमर

भीगे नयन, चेहरे पर झूर्री बगल में खारा, हाथ में खूर्पी बिना उपनही, मग खेत की चलत जात, सोचत घर की कैसे घर संसार चलाऊँ, हरी घास कहाँ से...

कुछ यूं अनसुना किया हमने- मीनाक्षी शर्मा

दिल की आवाज को कुछ यूं अनसुना किया हमने, कब प्यार ने हौले से दस्तक दी ये पता ही ना चला हम तो बैठे थे उस दरिया के मुहाने...

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