Daily Archives: Jun 7, 2020
मैं लौटना चाहूँगा- जसवीर त्यागी
दरवाजे बंद हो रहे हैं
दरवाजे लगातार बंद हो रहे हैं
एक गति से
तेज आँधी ने भर दी है
इंसान की आँखों में
धोखे की धूल
मैं जिस भी...
कहाँ तक गिरोगे- अनिल कुमार मिश्र
कहाँ तक गिरोगे मनुज तुम बताओ
कहां तक गिरोगे?
अरे कोई सीमा तो गिरने की होगी
दिल तो दहलता तुम्हारा भी होगा
सोच है संकुचित मन मे कितना...
वास्तविकता का वर्णन करता हूँ मैं- त्रिवेणी कुशवाहा
दर्पण के उजाले में
मेरा अक़्स नजर आया,
जीवन की वास्तविकता से
दर्शन है कराया
दूसरों की कमी सदा देखते तुम
कभी अपनी भी तुम देख लो,
पत्थर फेंकना आसान...
भुलाये नहीं गये- निशांत खुरपाल
तुझ पर लिखी शायरी के किस्से, भुलाये नहीं गये,
कुछ गीत अभी भी बाकी हैं, जो गुनगुनाये नहीं गये
तुझे तो शरीर के ज़ख्म देख, चक्कर...
पौधे और हमारा जीवन- रामसेवक वर्मा
भारत ही नहीं संपूर्ण जगत का वह भाग जहां कोई भी प्राणी अपना जीवन व्यतीत कर रहा है, पौधों के बिना संभव नहीं है।...
शिक्षा का नवीन स्वरूप- वीरेन्द्र प्रधान
गुरुकुलों से आज तक आते-आते
शिक्षा में हुए नये-नये प्रयोग
हुये सुधार भी नाना प्रकार
कुछ से उन्नयन हुआ तो कुछ से बंटाधार
समाज में मूल्यों में गिरावट...
कोई भी मौसम हो-जयलाल कलेत
वो खूब हंसी उड़ाते हैं,
मुझको छोटा जताते हैं,
लोग उतनी ही मजबूती से,
खामियां मेरी बताते हैं
पर कोई भी मौसम हो,
बागों में फूल महकते हैं,
लोग नजरों...