Monday, October 21, 2024

Monthly Archives: June, 2020

फुरसत नहीं होती- सुरेन्द्र सैनी

 हर  सुखन  की  चीज शरबत नहीं होती उसे मेरे घर आने की फुरसत नहीं होती इस गुलिस्तां में गुले-इशरत नहीं होती टहले-काबिल, सैर की फुरसत नहीं होती ग़म से छूटकर मर जाना मुनासिब हो हमें उसके...

मैं कवि नहीं हूँ- रामसेवक वर्मा

मैं कवि नहीं हूँ फिर भी, कविता लिख रहा हूँ दिल की आवाज को मैं, आपके सामने रख रहा हूँ सोचता हूं कि कोई मुझे कवि बना दे कविता...

चाहत है- शिवम मिश्रा

चाहत है तुम्हारी आँखों के दर्पण में ख़ुद का अक्स देखने की चाहत है तुम्हारे माथे पर अपने नाम कि सिंदूर लगाने की चाहत है तुम्हारा हाथ थामे समुंदर के किनारे टहलने...

सैनिक- अतुल पाठक

राष्ट्र के वास्तविक नायक सैनिक ही होते हैं, जो निजी स्वार्थ को त्याग कर अपने देश की रक्षा के लिए हमेशा सर्वस्व निछावर करने...

माँ सब जानती है- सोनल ओमर

निशी एक सामान्य सी लड़की है। हमेशा अपने आप मे ही रहती है। हमेशा अपने फ्लैट में रहना। परिवार जनों से भी सिर्फ काम...

तो उठ जाओ- स्वामी भगत दीपक

वह इस खोज से खुश और तनाव-मुक्त था, मानो, जैसे दुनिया की सभी ख़ुशियाँ उसे मिल गई हो अब मिला भी क्या? वही जिसे गले लगाना चाहता...

पेड़-पौधों की कविताएँ- जसवीर त्यागी

पेड़-पौधे भी कविताएँ रचते हैं उनकी कविताओं के आस्वादन हेतु तुम्हें उनके करीब जाना होगा तुम अगर उनकी कविताओं की तारीफ़ न भी करोगे तो भी वे तुम्हें अपने संबंध की सुगंध से वंचित...

कप- संजीव कौशल

चाय से या तुम्हारे साथ से किससे जुड़ा है कप चाय के अलावा कुछ पियो तो स्वाद नहीं आता और अगर तुम न हो तो मैं चाय नहीं पीता कपों का...

स्नेहा किरण को आरएसएस ने नियुक्त किया अररिया की जिला संयोजिका

पीपुल्स पॉवर बिहार प्रवक्ता और अशोका साहित्य अकादमी बिहार की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमति स्नेहा किरण को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अररिया की जिला संयोजिका...

प्रधानमंत्री मोदी ने किया आत्‍मनिर्भर उत्‍तर प्रदेश रोजगार अभियान का शुभारंभ

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिये आज नई दिल्‍ली में आत्‍मनिर्भर उत्‍तर प्रदेश रोजगार अभियान का शुभारंभ किया। इसके अंतर्गत पलायन करके...

ज़िन्दगी- मुकेश चौरसिया

बुरी कुछ भली ज़िन्दगी ऐसी हमको मिली ज़िन्दगी रास्तों में भटकती हुई, जाने गई किस गली ज़िन्दगी साथ जब तक तुम्हारा मिला, कदम उतने चली ज़िन्दगी फूल बनके बिखरी हुई, थी...

राही और मंज़िल- अतुल पाठक

मुश्किलें तमाम हों पर छोड़ता नहीं आस है मेहनत का तज़ुर्बा रखता संग राही के दृढ़विश्वास है राही न माने हार कभी साथ चलतीं उम्मीदों की धार सभी सरिता की...

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