Monday, October 21, 2024

Monthly Archives: June, 2020

परोपकार- मनोज शाह

मैंने एक काल्पनिक स्वप्न देखा है संसार मानवता का देश बन चुका है दया भाव नेक नियत है सभी मिलकर नित्य निरंतर आखिरी जश्न मना रहे हैं अंतिम भोज...

गुलमोहर- संजीव कौशल

तपती धरती पर खिला है गुलमोहर हरी हरी पत्तियों में जैसे उग आया है ज्वालामुखी शीतल हो कर दूर दूर से आए हैं परिंदे रंगो की दावत पे शाखों से लटकी हैं चिड़ियाँ जैसे...

उसने कहा- जसवीर त्यागी

एक दिन उसने कहा तुम कम हँसते हो हँसा करो खुलकर हँसते हुए सुंदर लगते हो उसकी बात सुनकर मैं हँस दिया वह बोली हाँ, इसी तरह हँसा करो काश तुम खुद को...

वीर सिपाही भारत के जवान: प्रीति

प्रीतिचंडीगढ़ देश के मेरे जवानहैं वह वीर सिपाहीहैं वह भारत की शानभारत के जवान आँखों में गुस्सा, दिल में जज़्बालिए, जब यह लड़ते हैंजिद पर अपनी...

सरिता- अतुल पाठक

सागर के आलिंगन में ही खुद को सौंप देती सरिता सागर बिन व्याकुल है रहती कतरा-कतरा होती सरिता स्वच्छंद जल सा मन उसका अविरत बहती रहती सरिता ताउम्र सागर की...

टूट-टूट बिखरे सभी- अनिल कुमार मिश्र

कोरोना के दौर ने सब कुछ दिया मरोड़ टूट-टूट बिखरे सभी नहीं कहीं है ठौर अपनों का परिचय दिया कोरोना गंभीर कौन भाई-भगिनी यहाँ रक्षा करें रघुवीर भाई...

भारत के वीर- सोनल ओमर

मैं वीर, भारत का वासी हूँ मैं देश के शत्रु का विनाशी हूँ देश के दुश्मनों का नाश करूँगा अंतिम श्वास तक लड़ता रहूँगा जब गोली लगेगी मेरी...

बाबा रामदेव ने लांच की कोरोना की पहली आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल

योगगुरु बाबा रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद ने कोरोना संक्रमितों के शत प्रतिशत उपचार का दावा करते हुए पहली आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल मंगलवार को लांच...

सोशल इंजीनियरिंग के नए परिप्रेक्ष्य की व्याख्या करती पुस्तक: राजनीति की जाति- स्नेहा किरण

बिहार की जाति आधारित राजनीतिक हलचलों पर सबसे लोकप्रिय मासिक पत्रिका वीरेंद्र यादव न्यूज के 57वें ऐतिहासिक अंक की जिसे पत्रकारिता जगत ने स्वाभिमान...

प्यारा भाई- प्रीति चतुर्वेदी

माँ का लाडला, पिता की आंखों का है तारा बहनों का दुलारा ऐसा है मेरा भाई प्यारा जो है स्नेह से भरपूर जिससे भागती है हर तकलीफें भी...

अब जो तुम रूठते हो ना- रूची शाही

अब जो तुम रूठते हो ना तो और अधिक पीड़ा होती है हाँ बस निगाहें नहीं कहती कुछ पर हृदय की वेदना चरम पर होती है पहले तुम्हारी...

चुन लेने दो सुंदर शब्दों को- रामसेवक वर्मा

चुन लेने दो सुंदर शब्दों को, निज भाषा का पैगाम है ये मन मंदिर में उपजा है जो, कितना रोचक काम है ये शब्दों को समायोजित करना, कवियों की...

Most Read