Monday, October 21, 2024

Daily Archives: Jul 19, 2020

प्रेम में स्त्री: जसवीर त्यागी

प्रेम में डूबी हुई स्त्री कहती है अपने प्रिय से मेरे अलावा किसी दूसरे से किया प्रेम तो ले लूँगी तुम्हारी जान प्रेम के भाव-भाषा पाठ-पठन व्याकरण-व्याख्या सब भिन्न हैं कभी-कभी उसको जानना समझना...

ताज़िर बनना तय है: सुरेंद्र सैनी

है सफर लंबा मुसाफिर बनना तय है ये मादक आँखें काफिर बनना तय है मेरा सफर तो जैसे-तैसे कट जाएगा ये सवालिया हुस्न हाफ़िर बनना तय है तेरे...

आओ मिलकर हम-तुम: निशांत खुरपाल

आओ मिलकर हम-तुम, आज ये एक फैसला लेते हैं प्यार छोड़ देते हैं और इस बार नफ़रत को रख लेते हैं, गुनहगार तो हम दोनों ही बराबर के हैं...

रिमझिम-बूंदें: सुजाता प्रसाद

घिर-घिर आए बादल बदली ने मल्हार गाई है घन मेघों की श्यामल-श्यामल ये कजराई है रिमझिम-रिमझिम बूँदें बरसतीं झूम के बरखा बहार आई है ओढ़ के धानी चुनरिया धरती भी हर्षाई...

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