Daily Archives: Jul 19, 2020
प्रेम में स्त्री: जसवीर त्यागी
प्रेम में डूबी हुई स्त्री कहती है
अपने प्रिय से
मेरे अलावा
किसी दूसरे से किया प्रेम
तो ले लूँगी तुम्हारी जान
प्रेम के भाव-भाषा
पाठ-पठन
व्याकरण-व्याख्या
सब भिन्न हैं
कभी-कभी
उसको जानना समझना...
ताज़िर बनना तय है: सुरेंद्र सैनी
है सफर लंबा मुसाफिर बनना तय है
ये मादक आँखें काफिर बनना तय है
मेरा सफर तो जैसे-तैसे कट जाएगा
ये सवालिया हुस्न हाफ़िर बनना तय है
तेरे...
आओ मिलकर हम-तुम: निशांत खुरपाल
आओ मिलकर हम-तुम,
आज ये एक फैसला लेते हैं
प्यार छोड़ देते हैं और इस बार
नफ़रत को रख लेते हैं,
गुनहगार तो हम दोनों ही
बराबर के हैं...
रिमझिम-बूंदें: सुजाता प्रसाद
घिर-घिर आए बादल
बदली ने मल्हार गाई है
घन मेघों की श्यामल-श्यामल
ये कजराई है
रिमझिम-रिमझिम बूँदें बरसतीं
झूम के बरखा बहार आई है
ओढ़ के धानी चुनरिया
धरती भी हर्षाई...