Monday, October 21, 2024

Monthly Archives: July, 2020

विस्तारवाद का युग समाप्त हुआ, यह विकास का युग है: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज भारतीय जवानों के साथ बातचीत करने के लिए लद्दाख में निमू की यात्रा की। लद्दाख में निमू वो जगह...

है जीने की अभिलाषा- अफ़शां क़ुरैशी

इसे खोखलेपन की पराकाष्ठा कहूँ, दिखावे में रिश्तों की निष्ठा कहूँ उच्छृंखल भावों की उत्कंठा कहूँ, डर की संघर्ष से निर्भयता या भाग्य से ज़िन्दगी की वाचालता कहूँ, सरलता...

पद्म पुरस्कारों के लिए 15 सितंबर तक कर सकते हैं नामांकन

गणतंत्र दिवस 2021 के अवसर पर घोषित किए जाने वाले पद्म पुरस्कारों के लिए ऑनलाइन नामांकन व सिफारिश की अंतिम तिथि 15 सितंबर 2020 है। पद्म...

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने की रूस के राष्‍ट्रपति पुतिन से फोन पर बात

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादीमीर पुतिन से टेलीफोन पर बातचीत की। प्रधानमंत्री मोदी ने द्वितीय विश्व युद्ध में विजय की...

इस धरा के भगवान- गरिमा गौतम

जीवन मृत्यु से जूझते इंसानो के भगवान है इन्हीं डॉक्टरों को समर्पित डॉक्टर डे महान है जनता के विश्वास की डोर है डॉक्टर सेवा ही इनका काम है धर्म जाति से...

जलती धरती मन मेरा- अतुल पाठक

न पेड़ रहा न डाली खत्म हो रही हरियाली पशु पक्षी जीव जन्तु आज नहीं सुरक्षित हैं आधुनिकता के मद में लोग बड़े कलंकित हैं किस ओर जीवन...

भारत है महान- जयलाल कलेत

भारत की शक्तियों से, तू है अनजान रे, टकरा मत मिट जाएगा, भारत है महान रे अग्नि, पृथ्वी, ब्रह्मोस को, जरा पहचान रे, टकरा मत मिट जाएगा, भारत है महान रे हल्के...

विषमता- रामसेवक वर्मा

जाति धर्म वर्ग भेद जनता को बांट कर, बहुतों को कष्ट दिए दुनिया में छाए हैं अमीर गरीब ऊंच-नीच मन में भाव ले, स्वारथ के मीत अब...

भावभूमि- डॉ भवानी प्रधान

मैं अकिंचन वो विश्व धरा मैं चंचल वो शांत पवन मैं रिक्त वो प्रेम भरा मैं पतझड़ वो ऋतू बसंत मैं पंक्ति वो कृति मैं दोहा वो चौपाई मैं अनभिज्ञ वो सर्वज्ञ मैं विकर्षण वो आकर्षण मैं निःशब्द वो शब्दावली मैं प्रलय वो...

जिज्ञासा- जसवीर त्यागी

घूँघट से ढँकी कोई स्त्री चल रही है एक पुरुष के पीछे-पीछे सुनहरे स्वप्न बुनती हुई अपनी मंजिल की ओर स्त्री के कदमों की गति बता रही है कि वह...

मारे जाते हैं- संजीव कौशल

सहूलियत से विरोध करने वाले लोग एक दिन सहूलियत से मारे जाते हैं आज इसे यहाँ चुप रहना है कल उसे वहाँ सबकी मजबूरियाँ हैं मजबूरियों में बँटे हुए लोग एक...

अतुल नहीं मैं सागर हूँ- अतुल पाठक

अतुल नहीं मैं सागर हूँ भावनाओं से भरी इक गागर हूँ जज़्बात शायरी लिखता हूँ मैं अतुल हाथरसी शायर हूँ कल्पनाओं की दुनिया में रहता हूँ कविताओं में अपनी...

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